प्रभु श्रीराम की तपोभूमि को सीधे दिल्ली से महज छह-सात घंटे में जोड़ने वाले बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के बाद हवाई सफर के लिए भी तैयार हो जाइए। क्योंकि चित्रकूट के टेबल टाप एयरपोर्ट बनकर तैयार है और रन-वे से जल्द विमानों के उड़ान का इंतजार है। यहां टर्मिनल बिल्डिंग और हवाई पट्टी पूरी तरह से तैयार हो चुकी है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन महोत्सव के शुभारंभ में हवाई सेवा जल्द शुरू करने की बात कही थी, हालांकि अभी लाइसेंस नहीं मिला है। वैसे एयरपोर्ट के लिए पहुंच मार्ग में भी वन विभाग का अड़ंगा है उसने एनओसी नहीं दी है, लेकिन प्रशासन को उम्मीद है कि यह दोनों काम एक डेढ़ माह में पूरे हो जाएंगे।
भगवान राम की तपोभूमि को बुंदेलखंड का धार्मिक पर्यटन हब बनाने का प्रदेश सरकार बीड़ा उठाया है। उसके लिए चित्रकूट समेत अन्य जिले में पर्यटन के तमाम विकास कार्य कराए जा रहे हैं। बेहतर कनेक्टिविटी के लिए 16 जुलाई को प्रधानमंत्री बुंदेलखंड एक्सप्रेस-वे की सौगात दे चुके हैं। इससे चित्रकूट समेत बुंदेलखंड के तमाम जिले सीधे दिल्ली, मथुरा, आगरा जैसे महानगरों से सीधे सड़क मार्ग से जुड़ गए हैं। वहां से आने वाले पर्यटक बुंदेलखंड को रुख करेंगे।
अब प्रदेश सरकार जल्द ही चित्रकूट को दिल्ली-लखनऊ से हवाई मार्ग से भी जोड़ने जा रही है। इसके लिए चित्रकूट एयरपोर्ट का निर्माण लगभग पूरा हो चुका है। एटीसी टावर, टर्मिनल बिल्डिंग, यात्री प्रतीक्षालय, पार्किंग आदि बन गए हैं। स्कैनर मशीन आ गई है। बिजली, पानी, सुरक्षा के इंतजाम हो चुके हैं। भारतीय विमानन पत्तन प्राधिकरण (एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया) को सरकार ने एयरपोर्ट हैंडओवर कर दिया है।
एयरपोर्ट संचालन के लिए दोनों के बीच 30 साल का अनुबंध हुआ है। वन महोत्सव में पांच जुलाई को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जल्द ही चित्रकूट से दिल्ली, लखनऊ के लिए हवाई सेवा शुरू करने की बात कही थी। ऐसे में माना जा रहा है कि अगस्त माह में चित्रकूट हवाई मानचित्र में नजर आने लगेगा। उम्मीद है कि अगस्त के अंतिम सप्ताह तक उड़ानें शुरू हो जाएगी।
एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए आवेदन : चित्रकूट से केंद्र सरकार की रीजनल कनेक्टिविटी स्कीम के तहत उड़ानों का संचालन होगा। प्रदेश सरकार ने एयरपोर्ट के एयरोड्रोम लाइसेंस बनवाने के लिए डायरेक्टर जनरल आफ सिविल एविएशन (डीजीसीए) में आवेदन किया है। लाइसेंस मिलते ही हवाई सेवा शुरू करने का रास्ता साफ हो जाएगा। डीजीसीए की टीम किसी भी समय निरीक्षण कर सकती है। उसको देखते हुए जिला प्रशासन ने एयरपोर्ट पर सुरक्षा कर्मियों की तैनाती कर दी है।
निरीक्षण से पहले सुरक्षाकर्मी तैनात : जिलाधिकारी कार्यालय के मुताबिक एयरोड्रोम लाइसेंस के लिए सरकार की ओर से आवेदन भेजे जाने के बाद डीसीजीए की टीम एयरपोर्ट का निरीक्षण करेगी। एयरपोर्ट पर निरीक्षण के दौरान सुरक्षा कर्मियों की नियुक्त जरूरी है। 40 सुरक्षा कर्मी तैनात किए गए हैं।
20 सीटर विमान भरेंगे उड़ान : चित्रकूट से पहले चरण में लखनऊ व दिल्ली के लिए 20 सीटर प्लेन के उड़ान की तैयारी है। यह उड़ान दिन में एक बार संचालित किए जाने की उम्मीद है। भविष्य में यात्रियों की संख्या में वृद्धि होने के साथ ही, इनके में फेरे बढ़ाए जाएंगे। अन्य स्थानों के लिए भी घरेलू उड़ाने शुरू होगी।
यह होता है टेबल टाप एयरपोर्ट : डीएम ने बताया कि टेबल टाप रनवे पहाड़ी की चोटी को काटकर बनाया जाता है। पड़ाडी पर होने के कारण एयरपोर्ट पर रनवे एंड सेफ्टी एरिया भी कम होता है। पहाड़ के शीर्ष पर होने से इसमें कई बार एक तरफ या कई बार दोनों तरफ गहरी ढाल होती है।
जैसे चित्रकूट के एयरपोर्ट में एक छोर पर ढाल है। वैसे रनवे दिखने में जितने सुंदर होते हैं, यहां लैंडिंग उतनी ही जोखिम भरी होती है। लैंडिंग और टेक आफ के दौरान खास सावधानी बरतने की जरूरत होती है। देश में अभी तक छह टेबल टाप एयरपोर्ट हैं। चित्रकूट का सातवां है जो प्रदेश में इकलौता है।
एयरपोर्ट की खास बातें
-लागत : 146.57 करोड़ रुपये
-टर्मिनल बिल्डिंग, एटीसी, अग्निशमन केंद्र का कार्य पूरा
-टेबल टाप रनवे का कार्य पूर्ण
-संचालन को एयरपोर्ट अथारिटी आफ इंडिया को सौंपा
पहुंच मार्ग की बाधा को दूर करने की कवायद : एयरपोर्ट का पहुंच मार्ग अधर में लटका है। पूर्व मार्ग बड़ा रनवे के बगल में हो गया है। अब दूसरा पहुंच मार्ग बनाया जाना है। इसके लिए वन विभाग से एनओसी शेष है। जिला प्रशासन ने मुआवजे के तौर पर वन विभाग को दूसरी जगह करीब चार एकड़ जमीन दे दी है। उम्मीद है कि जल्द ही एनओसी मिल जाएगी। नया पहुंच मार्ग कोटितीर्थ के पास से सीधे एयरपोर्ट के लिए बनाया जाना है। जिसकी लंबाई करीब एक किमी व चौड़ाई सात मीटर होगी।