सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दिल्ली सरकार के पर्यावरण विभाग को पर्यावरण शुल्क के नाम पर प्रतिवर्ष करीब 100 करोड़ रुपये अतिरिक्त राजस्व प्राप्त होगा। अभी तक प्रतिवर्ष करीब 120 करोड़ रुपये राजस्व मिलता है। इसके अलावा इस आदेश से एमसीडी को भी बड़ी राहत मिलेगी। उसे अब सामान लेकर आने वाले व्यवसायिक वाहनों की जांच नहीं करनी पड़ेगी और ऐसे वाहन चालकों के साथ होने वाली कहासुनी या विवाद की स्थिति भी खत्म होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को 2015 से लागू उस छूट को समाप्त कर दिया जिसके तहत आवश्यक वस्तुएं ढोने वाले व्यावसायिक वाहन पर्यावरण शुल्क से मुक्त थे। अब सब्जी, फल, दूध, अनाज, अंडे, पोल्ट्री उत्पाद, बर्फ और नमक ले जाने वाले वाहन भी शुल्क के दायरे में आएंगे। यहां तक कि खाली या आंशिक रूप से भरे ट्रक भी शुल्क देने से नहीं बचेंगे।