दिल्ली: शाहदरा जोन के बिल्डिंग विभाग का पूरा स्टाफ फरार

दिल्ली सरकार की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा ने शाहदरा जोन के बिल्डिंग विभाग में चल रहे उगाही के खेल की बहुत पहले सूचना दे दी थी। मगर एमसीडी ने जांच करने की जहमत नहीं उठाई और एसीबी को इस तरह का कोई रैकेट नहीं चलने की बात कह दी। करीब सात महीने बाद जब एसीबी ने कलेक्शन एजेंट को गिरफ्तार किया तो इस खेल का खुलासा हुआ है। आरोपी रेवाड़ी निवासी महेश, जई राजेश मीणा और एई आपस में फेसटाइम एप बात करते थे। 

एसीबी ने आरोपी कलेक्शन एजेंट महेश को मंगलवार को कोर्ट में पेश कर दो दिन के पुलिस रिमांड पर लिया है। इस मामले में जेई राजेश मीणा व एई फरार हैं। एसीबी जनरैल सिंह की टीम ने मंगलवार को शाहदरा जोन के बिल्डिंग विभाग में दबिश दी। एसीबी टीम जब वहां पहुंची तो बिल्डिंग विभाग का पूरा स्टाफ फरार था। एसीबी पुलिस अधिकारियों के अनुसार विभाग में एक भी कर्मचारी नहीं था। एसीबी की दबिश से जोन में पूरी तरह हड़कंप मच गया था।

10 साल से चल रहा था उगाही का खेल
एसीबी प्रमुख संयुक्त पुलिस आयुक्त मधुर वर्मा ने बताया कि रैकेट पिछले 10 वर्ष से चल रहा था। आशंका जताई जा रही है कि रैकेट से जुड़े लोग करोड़ों रुपये वसूल चुके हैं। दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के जेई राजेश मीणा व एई के लिए कलेक्शन व उगाही करने के आरोप में गिरफ्तार एजेंट महेश ने पूछताछ में काफी सनसनीखेज खुलासे किए हैं।

एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि एसीबी को मार्च महीने में इस रैकेट की जानकारी मिल गई थी। इसके बाद एसीबी ने इसके लिए दिल्ली नगर निगम को पत्र लिखकर जानकारी दी थी। पत्र में कहा गया था कि महेश नाम का एजेंट एमसीडी के अधिकारियों के पैसे एकत्रित कर रहा है, इस बात की शिकायतें मिल रही हैं। एसीबी ने महेश का मोबाइल नंबर भी निगम को दिया था। मगर निगम ने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की। 

निगम ने एसीबी को जवाब दिया था कि महेश नाम के व्यक्ति का निगम अधिकारियों से कोई लेना-देना नहीं है। निगम अधिकारी किसी महेश को नहीं जानते। अब जब एसीपी जरनैल सिंह की टीम ने महेश को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया है तब इस रैकेट का खुलासा हुआ है। 

फेसटाइम एप पर आपस में करते थे बात
एसीबी अधिकारियों के अनुसार महेश, जेई व एई समेत अन्य आरोपी फेसटाइम एप बात करते थे। इन्होंने मोबाइल पर ये एप डाउनलोड की हुई थी। इस एप के जरिये बात करने पर फोन कॉल रिकार्ड नहीं होता। पुलिस ने महेश के कब्जे से तीन मोबाइल फोन बरामद किए गए हैं। 

बैंक खाते का डिटेल खंगाल रही पुलिस एसीबी पुलिस अधिकारियों के अनुसार पुलिस ने महेश के कब्जे से अभी 65 हजार रुपये बरामद किए हैं। पुलिस महेश समेत अन्य लोगों के बैंक खाते की डिटेल खंगाल रही है। बैंक खाते की डिटेल से आरोपियों की उगाही की रकम का पता लगने की संभावना है।

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