सेंट्रल बोर्ड सेकंडरी एजुकेशन (CBSE) ने पिछले दिनों 10वीं और 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए एग्जामिनेशन फीस बढ़ाई थी। जिसके बाद देश के छात्र और अभिभावक दिल्ली सरकार ने सरकारी स्कूलों से यह शुल्क नहीं लेने के निर्देश दिए हैं।
राज्य सरकार के इस फैसले से तीन लाख से ज्यादा छात्रों को फायद पहुंचेगा। सीबीएसई ने परीक्षा शुल्क बढ़ाकर 1800 रुपए प्रति छात्र कर दिया है लेकिन दिल्ली के सरकारी स्कूलों में पढ़ रहे छात्रों को यह शुल्क नहीं देना होगा। नीचे प्वाइंट्स में जानिए छात्रों को क्या-क्या फायदा होगा-
- मौजूदा में दसवीं में 10वीं के 1,79,914 छात्र और 12वीं के 1,33,802 छात्र लाभांवित होंगे।
- दोनों कक्षाओं में पांच कंपलसरी सब्जेक्ट और एक ऑप्शनल सब्जेक्ट है जिनका शुल्क सरकार स्कूलों को देगी।
- सबीएसई के नए नियम के मुताबिक दसवीं और बारहवीं के छात्रों को 1800 रुपए शुल्क देना होगा। अब सरकार ही यह भुगतान सीधे सीबीएसइ को करेगी।
- राज्य के साइंस स्ट्रीम के 14,783 के छात्रों को प्रैक्टिकल शुल्क भी नहीं देना होगा। बारहवीं में तीन प्रैक्टिकल विषय होते हैं प्रत्येक विषय का शुल्क 150 रुपए है।
- वोकेशनल स्टडीज के छात्रों के भी दो प्रैक्टिकल विषय हैं जिनका परीक्षा शुल्क 50 रुपए है।
- सरकार इसके एवज में प्रतिवर्ष 57 करोड़ रुपए खर्च करेगी।