उरी में सेना मुख्यालय पर आतंकी हमला अब पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा। इधर एनआईए ने इस मामले में केस दर्ज करवा दिया है। एनआईए के छह अफसर हमले की जांच करने उरी जाएंगे। उधर, 21 सितम्बर से शुरू हो रहे संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र में भी पाकिस्तान को घेरने की तैयारी है। 190 देश पाकिस्तान और आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता दिखाएंगे।

पाकिस्तान पर भारी पड़ेगा उरी हमला
इतना ही नहीं, खबर है कि सार्क में शामिल देशों की ‘आतंकवाद के खिलाफ एकजुटता’ से जुड़ी मीटिंग से शामिल होने से भी पाकिस्तान डर गया है। यह मीटिंग 22 सितम्बर को शुरू होगी, लेकिन पाकिस्तान ने अब तक अपनी ओर से किसी अधिकारी को मीटिंग में भेजने के लिए नामित नहीं किया है।
यह मीटिंग 22 सितंबर से नई दिल्ली में होनी है। इसमें अफगानिस्तान, मालदीव, श्रीलंका और भूटान सहित सार्क में शामिल देश हिस्सा लेंगे। गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने बताया, ‘अन्य देशों ने मीटिंग में हिस्सा लेने वाले अपने अधिकारियों के नाम भेज दिए हैं। लेकिन पाकिस्तान चुप्पी साधे हुए है।
अभी तक पाकिस्तान से आने वाले अधिकारियों के नाम का इंतजार किया जा रहा है। पाकिस्तान नई दिल्ली में तैनात अपने अधिकारियों को भी इस मीटिंग के लिए नामित करने से बच रहा है। अधिकारी का कहना है कि गृहमंत्री राजनाथ सिंह के पाकिस्तान को एक आतंकवादी देश बताने और उसे अलग-थलग करने से जुड़ा बयान देने के बाद पाकिस्तान इस मीटिंग में शामिल नहीं होने का फैसला कर सकता है।
मीटिंग के दौरान सार्क देश सार्क टेररिस्ट ऑफेंसेज मॉनिटरिंग डेस्क (STOMD) के कामकाज को मजबूत करने पर चर्चा करेंगे। इस डेस्क की स्थापना 1995 में कोलंबो में की गई थी। इसका मकसद सार्क देशों में आतंकवाद से जुड़े अपराधों, चालों, रणनीतियों और तरीकों के बारे में जानकारी जुटाना, उसका आकलन करना और सार्क देशों के साथ साझा करना है।
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