दिल्ली में सांसों पर डबल अटैक, प्रदूषण का स्तर फिर 300 पार

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में वायु गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में बनी हुई है। इंडिया गेट पर धुंध की एक परत छाई हुई है। वहीं वायु के अलावा पानी भी प्रदूषित है। कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैर रहे हैं।

दिल्ली समेत एनसीआर में बदलते मौसम के साथ प्रदूषण का स्तर हर दिन अप डाउन हो रहा है। गुरुवार सुबह एक बार फिर दिल्ली में प्रदूषण का स्तर 300 के पास पहुंच गया है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, दिल्ली के कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब श्रेणी में है। इंडिया गेट पर स्मॉग की परत छाई हुई है। वहीं कालिंदी कुंज में यमुना नदी में जहरीला झाग तैर रहा है।

राजस्थान की रहने वाली कनिष्का ने कहा कि प्रदूषण की वजह से मेरी आंखें दुख रही हैं, गले में भी खुजली हो रही है और सांस लेना भी मुश्किल हो रहा है। वहीं छत्तीसगढ़ के रहने वाले छात्र आयुष भारद्वाज ने कहा कि मैं बहुत दूर से यहां पढ़ने आया हूं। यहां और वहां के तापमान में बहुत अंतर है। यहां जिंदा रहना मुश्किल है। मैं जिस जगह से आया हूं, वहां बहुत हरियाली है। यहां प्रदूषण की वजह से सांस लेना भी मुश्किल है।

दिल्ली-एनसीआर में स्मॉग का कहर
दिल्ली-एनसीआर में छा रहा स्मॉग (धूल, धुएं और कुहासे का मिश्रण) धूप से गर्मी छीन रहा है। धूप के साथ आने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें प्रभावित होने से हड्डियां कमजोर हो रही हैं। इसका खुलासा एम्स के अध्ययन में हुआ। विशेषज्ञों का कहना है कि सूर्य की रोशनी से मिलने वाली अल्ट्रावायलेट किरणें गर्मी बनाती हैं। यह शरीर में विटामिन डी 3 बनाने का 90 फीसदी स्त्रोत हैं। जबकि 10 फीसदी दूसरे माध्यम से शरीर को विटामिन मिलता है। ऐसे में सर्दियों के दौरान स्मॉग धूप को सीधे धरती तक आने नहीं देता।

एम्स के विशेषज्ञों ने इसके प्रभाव के लिए दिल्ली के मोरी गेट और गुरुग्राम में चयनित लोगों पर एक अध्ययन किया। अध्ययन में पाया गया कि दिल्ली में स्मॉग छाने के कारण लोगों को धूप कम मिली जिस कारण उसमें विटाामिन डी की कमी मिली। पर्याप्त धूप के कारण गुरुग्राम के लोगों में यह समस्या कम दिखी। समय के साथ दिल्ली में प्रदूषण का स्तर बढ़ रहा है। साथ ही स्मॉग छाने की समस्या भी गंभीर हुई है।

विशेषज्ञों का कहना है कि दिल्ली में सुबह 10 बजे से दोपहर ढाई बजे का समय सूर्य की किरणों के लिए उचित है। इस समय धूप में पर्याप्त अल्ट्रावायलेट किरणें होती हैं जो हड्डियों के लिए जरूरी हैं। यदि इस दौरान केवल 15 से 20 मिनट कोई सीधे धूप के संपर्क में रहता है तो शरीर को पर्याप्त विटामिन डी की आपूर्ति हो जाएगी। इंडोक्रिनोलाजी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. आर गोस्वामी ने कहा कि शरीर में विटामिन डी के लिए सूर्य की किरणें सबसे प्रभावी स्त्रोत हैं। इसकी मदद से शरीर के लिए जरूरी 90 फीसदी विटामिन की आपूर्ति हो जाती हैं।

आज घने कोहरे का येलो अलर्ट
राजधानी में बृहस्पतिवार के लिए मध्यम से लेकर घने कोहरे का येलो अलर्ट जारी किया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, ऐसे में दृश्यता में कमी आएगी। वहीं, तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है। इससे अधिकतम तापमान 26 व न्यूनतम तापमान 9 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया जा सकता है। बुधवार को सफदरजंग हवाई अड्डे पर हल्का कोहरा छाया रहा। यहां सुबह सात बजे न्यूनतम दृश्यता 900 मीटर दर्ज की गई, जो 8:30 बजे 1600 मीटर हो गई। अधिकतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 27.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। इसमें बीते 24 घंटे में 0.9 डिग्री सेल्सियस की वृद्धि हुई। वहीं, न्यूनतम तापमान सामान्य 10.4 डिग्री दर्ज किया गया।

दमघोंटू हवा बेजुबानों की थाम रही सांसें
खतरनाक प्रदूषण से बचने के लिए शायद आप घर से बाहर न निकलें या कुछ दिनों के लिए कहीं साफ हवा वाले क्षेत्र में चले जाएंगे। लेकिन, बेजुबान पशु-पक्षी इस दमघोंटू हवा में सांस लेने को मजबूर हैं। वह अपने वातावरण को छोड़कर कहीं दूर नहीं जा सकते हैं। स्मॉग की मोटी चादर छाने से पक्षियों की दृश्यता पर असर पड़ रहा है। उन्हें सांस लेने में परेशानी और आंखों में जलन की समस्या हो रही है। यही नहीं, पक्षियों के फेफड़ों में भी संक्रमण फैल रहा

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, बुधवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 303 दर्ज किया गया। इसमें मंगलवार की तुलना में 40 सूचकांक की गिरावट हुई। वहीं, अब पराली का धुआं नहीं, बल्कि स्थानीय कारकों के कारण प्रदूषण हो रहा है।

डिसिजन स्पोर्ट सिस्टम (डीएसएस) के मुताबिक, बुधवार को पराली से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 5 प्रतिशत से भी कम रह गई है। हवा में परिवहन से होने वाले प्रदूषण की हिस्सेदारी 24.617 फीसदी रही, जबकि अन्य प्रदूषकों की हवा में हिस्सेदारी सबसे अधिक रही, जो 24.628 फीसदी थी। इसके अलावा कूड़ा जलने से होने वाले प्रदूषण की 2.337 फीसदी हिस्सेदारी रही। इधर, बवाना, अशोक विहार, जहांगीरपुरी समेत 19 इलाकों में एक्यूआई बेहद खराब श्रेणी में दर्ज किया गया। साथ ही, डीटीयू, दिलशाद गार्डन, चांदनी चौक सहित 18 इलाकों में हवा खराब श्रेणी में रही। आईआईटीएम के मुताबिक, बृहस्पतिवार को पूर्वी दिशा से हवा चलने का अनुमान है।

एनसीआर में प्रदूषित शहर
दिल्ली——-303
ग्रेटर नोएडा—-230
गाजियाबाद—-215
गुरुग्राम——-217
नोएडा——-207
फरीदाबाद—–186

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