दिल्ली में दिखे कोरोनावायरस के लक्षण तीन मरीज संदिग्ध हालत में आरएमएल में भर्ती

चीन में फैले कोरोनावायरस के लक्षण भारत में भी दिखने प्रारंभ हो गए है। मुंबई, राजस्थान, मोहाली और बिहार के बाद अब दिल्ली में भी तीन संदिग्ध मरीजों की पहचान हुई है। ऐसे संदिग्धों को इलाज के लिए दिल्ली के राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल (आरएमएल) लाया गया है। कोरोनावायरस के मरीजों के लिए आरएमएल प्रधान सेंटर होगा, वहां मरीजों के इलाज की तैयारी पूरी कर ली गई है।

आरएमएल अस्पताल में तीन संदिग्ध मरीजों को भर्ती कराया गया है। अस्पताल प्रशासन ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि तीनों मरीजों को पिछले कुछ दिनों में चीन से भारत आए हैं और तीनों मरीज इलाज के लिए अस्पताल पहुंचे है।

डॉ राम मनोहर लोहिया अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षक डॉ मिनाक्षी भारद्वाज ने बताया कि अस्पताल में कोरोनोवायरस के तीन संदिग्ध मामले सामने आए हैं। रोगियों को आगे के उपचार के लिए अलग-थलग रखा गया है।

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि आरएमएल में आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया, जहां पर आठ बेड रिजर्व रखे गए हैं। सोमवार को अस्पताल में इलाज की तैयारी को लेकर नैशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (एनसीडीसी) की टीम ने दौरा किया। वहीं, एम्स में भी आइसोलेशन वॉर्ड बनाया गया है।

आरएमएल अस्पताल के वॉर्ड पांच को कोरोनावायरस के लिए रिजर्व आइसोलेशन वॉर्ड के तौर पर तैयार किया गया है। यहां पर दो क्यूबिकल हैं, जिसमें चार-चार बेड हैं। अस्पताल प्रशासन ने बताया कि इस वायरस के जो मरीज आ रहे हैं, उनके खून की जांच पुणें में हो रही है।

अधिकारी के अनुसार एयरपोर्ट पर भी आरमएएल अस्पताल के डॉक्टरों की टीम चीन से आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग कर रही है। अच्छी बात यह है कि अभी तक इस वायरस का कोई पॉजिटिव केस भारत में नहीं आया है।

ट्राइसिटी में कोरोनावायरस का पहला संदिग्ध मामला सामना आया है, जिसे पीजीआई चंडीगढ़ रेफर कर दिया गया। मरीज एक सप्ताह पहले ही चीन से लौटा था। सोमवार को उसे सिरदर्द व अन्य शिकायत के चलते पीजीआई भेज दिया गया। वहां उसका इलाज चल रहा है। उधर, सीएम ने मोहाली एयरपोर्ट पर चीन से आने वाले यात्रियों की वहीं जांच के आदेश दे दिए हैं।

बिहार में भी मिला वायरस का संदिग्ध

बिहार के छपरा में एक लड़की के कोरोनावायरस की चपेट में होने की आशंका के चलते सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां से आज उसे पीएमसीएच लाया जा रहा है। लड़की चीन से पढ़ाई करके लौटी है। पटना के सिविल सर्जन डॉक्टर विनय कुमार यादव ने बताया कि चीन में न्यूरो साइंस में पीएचडी करने वाली छात्रा 22 जनवरी को छपरा लौटी थी। तबीयत खराब होने पर उसे आइसोलेटिड वार्ड में भर्ती कराया गया। छपरा में इस वायरस की जांच की व्यवस्था नहीं है इसलिए अब उसे पटना लाया जा रहा है।

वहीं राजस्थान के स्वास्थ्य मंत्री रघु शर्मा ने रविवार बताया कि एक छात्र को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। उन्होंने कहा कि चीन में एमबीबीएस कोर्स पूरा करने के बाद भारत लौटे एक डॉक्टर को कोरोनोवायरस से प्रभावित होने के संदेह में यहां एसएमएस अस्पताल में रखा गया था। मंत्री ने कहा कि सभी परिजनों की स्क्रीनिंग कराने के निर्देश दिए गए हैं। मरीज के रक्त का सैंपल पुणे स्थित नेशनल वायरोलॉजी लैब में भेजा गया है। उन्होंने बताया कि राज्य के चार जिलों के कुल 18 लोग चीन से भारत वापस लौटे हैं। संबंधित जिला प्रमुखों और स्वास्थ्य अधिकारियों को उनकी 24 घंटे निगरानी के निर्देश दिए गए हैं।

मुंबई के अस्पताल में भर्ती करवाया गया एक व्यक्ति

वहीं कोरोनावायरस के संक्रमण के संदेह में 36 वर्षीय एक व्यक्ति को मुंबई के एक सरकारी अस्पताल में अलग वार्ड में भर्ती करवाया गया है। यह मुंबई में इस तरह का चौथा मामला है। दक्षिण मुंबई के ताड़देव निवासी व्यक्ति को कस्तूरबा अस्पताल में निगरानी में रखा गया है।

हैदराबाद में चार लोगों को निगरानी में रखा गया

हैदराबाद में सरकारी अस्पताल में कोरोनावायरस के संक्रमण के संदेह पर चीन आने वाले चार लोगों को निगरानी में रखा गया है। डॉ. शंकर ने बताया कि हमने उन्हें आइसोलेशन वार्ड में रखा है। बुखार, गले में दर्द या सांस लेने में समस्या जैसे कोई लक्षण नहीं पाए गए हैं।

कोरोनावायरस के चलते 29,707 यात्रियों की हुई जांच: स्वास्थ्य मंत्रालय

देश के सात हवाईअड्डों पर कोरोवायरस संक्रमण के संबंध में रविवार तक 137 उड़ानों से आए 29,000 से अधिक यात्रियों की जांच की गई है लेकिन अब तक एक भी मामला सकारात्मक नहीं पाया गया। मंत्रालय ने ट्वीट किया, ‘137 उड़ानों के 29,707 यात्रियों की जांच की गई। आज 22 उड़ानों के 4,359 यात्रियों की जांच की गई। कोरोनावायरस संक्रमण का अभी तक कोई मामला सामने नहीं आया।’
चीन में कोरोना वायरस के कारण मरने वालों की संख्या बढ़कर 106 हो गई है। अधिकारियों ने मंगलवार को बताया कि विषाणु संक्रमण के 1,300 नए मामले सामने आए हैं। इस संक्रमण के केंद्र मध्य हुबेई प्रांत के स्वास्थ्य आयोग ने कहा कि विषाणु संक्रमण के कारण और 24 लोगों की मौत हो गई है। उन्होंने बताया कि और 1,291 लोग इस संक्रमण से ग्रसित पाए गए हैं जिसके साथ ही देश भर में कोरोनावायरस संक्रमण के पुष्ट मामलों की संख्या 4,000 से अधिक हो गई है।
केंद्र सरकार ने सोमवार को चीन के वुहान शहर में फंसे लोगों को वापस लाने का फैसला किया है। यहां फंसे लोगों की संख्या करीब 250 है जिनमें अधिकतर भारतीय छात्र हैं। कैबिनेट सचिव राजीव गौबा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसला लिया गया। इसके साथ ही कोरोना वायरस से निपटने के लिए तैयारियों की समीक्षा की गई।

एक अधिकारी की मानें तो विदेश मंत्रालय जल्द ही चीन के अधिकारियों से बात कर वुहान में फंसे भारतीय छात्रों और अन्य लोगों की वापसी की बात करेगा। मालूम हो कि वुहान समेत कुल 12 शहरों को चीन ने वायरस के खौफ में सील कर दिया है।

वहीं भारत सरकार का जहाज रानी मंत्रालय अंतरराष्ट्रीय बंदरगाहों पर चीन से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग शुरू कर सकता है जिससे देश के भीतर इस वायरस को फैलने से रोका जा सके। इसी तरह चीन से आने वाले लोगों की स्क्रीनिंग के साथ नेपाल सीमा पर भी स्क्रीनिंग की व्यवस्था शुरू होगी।

महाराष्ट्र में मुंबई अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर 26 जनवरी तक 3756 यात्रियों ने स्क्रीनिंग की जा चुकी है। अब तक कोरोनावायरस के चार संदिग्ध मरीजों को मुंबई के कस्तूरबा अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुणे के नायडू अस्पताल में दो मरीजों को भर्ती किया गया है।

केरल में 436 लोग निगरानी में, सभी की रिपोर्ट निगेटिव

चीन से केरल लौटे 436 लोग निगरानी में है। पांच लोग अभी भी अस्पतालों के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती हैं। सभी रोगियों के खून का नमूण पुणे स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी भेजा गया था जिनकी रिपोर्ट निगेटिव है। राज्य के स्वास्थ्य मंत्री केके शायलजा का कहना है कि जिला स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ मिलकर सभी तरह के कदम उठाए गए हैं। अभी कोई रोगी न मिलने के बाद अस्पतालों में आइसोलेशन वार्ड तैयार कर लिया है।

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