दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने पांच सौ से अधिक लोगों को दोगुना मुनाफा व अधिक ब्याज देने का झांसा देकर साढ़े तीन करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने के मामले में एक कंपनी के निदेशक को गिरफ्तार किया है। आर्थिक अपराध शाखा ने कंपनी के निदेशक मुरारी कुमार श्रीवास्तव को गिरफ्तार किया है। उसे बिहार के सीतामढ़ी जिले स्थित हुमायूंपुर गांव से गिरफ्तार किया है। वह 2018 से फरार चल रहा था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि 38 पीड़ितों की एक संयुक्त शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि प्रोग्रेस प्रोड्यूसर कंपनी लिमिटेड ने एक योजना में बड़े पैमाने पर 531 लोगों से निवेश के नाम पर साढ़े तीन करोड़ रुपये लिए।
पीड़ितों को बताया गया था कि उन्हें कम समय में दोगुना मुनाफा मिलेगा। पैसे जमा कर मुरारी कुमार श्रीवास्तव ने कंपनी बंद कर दी और फरार हो गया। इस पर वर्ष 2018 में केस दर्ज किया गया था। आरोपित को पकड़ने के लिए एसीपी वीरेंद्र ठकरान की निगरानी में एसआइ सुशील कुमार, हवलदार सतबीर सिंह, सिपाही मनीष की टीम गठित की गई। जांच में पता चला कि मुरारी ने पहाड़गंज इलाके में कंपनी खोली थी।
उक्त कंपनी आरबीआइ द्वारा निवेश के नाम पर किसी से पैसे लेने के लिए पंजीकृत नहीं थी। इसके साथ ही यह भी जांच में पता चला कि रजिस्ट्रार आफ कंपनी (आरओसी) में भी उक्त कंपनी पंजीकृत नहीं थी। आरोपित ने अधिकतर पीडि़तों से नकदी में ही पैसे लिए थे। मामले में पुलिस टीम ने गुप्त सूचना पर रविवार को आरोपित को बिहार के सीतामढ़ी स्थित हुमायूंपुर गांव से गिरफ्तार कर लिया है। फिलहाल पुलिस मामले में शामिल अन्य आरोपितों की तलाश कर रही है।