दिल्ली में विधानसभा चुनाव की रणभेरी बस कुछ देर में बजने वाली है। चुनाव आयोग सोमवार को दिल्ली में विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान करने वाला है। माना जा रहा है कि फरवरी के पहले हफ्ते में दिल्ली में वोटिंग हो सकती है। इस बार यहां पिछली दफा प्रचंड बहुमत के साथ सत्तासीन हुई आम आदमी पार्टी के लिए फिर से सत्ता में वापसी बड़ी चुनौती मानी जा रही है।

दिल्ली के चुनावों को झारखंड के नतीजे के परिप्रेक्ष्य में देखें तो जल-जंगल और जमीन वाले प्रदेश में झामुमो, कांग्रेस और राजद महागठबंधन की सफलता से उत्साहित होकर दिल्ली में भी सरकार बनाने का दावा कर रही है।
वहीं कांग्रेस की सहयोगी राजद ने यहां चुनाव लड़ने की घोषणा कर बिहार-झारखंड के आधार वोटरों में सेंधमारी करने का इरादा जाहिर कर दिया है। कांग्रेस की जिस तरह झारखंड में ताकत दोगुनी हुई है, उसके विधायकों की संख्या पहले के सात के मुकाबले इस बार 16 तक पहुंची है, ऐसे में कांग्रेस राजद के साथ मिलकर यहां आप को सत्ता से बेदखल करने की पुरजोर कोशिश में जुटी है।
बीते दिन चारा घोटाले के चार मामलों में सजा काट रहे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से मिलने के बाद उनके छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने कहा था कि लालू प्रसाद ने दिल्ली चुनाव की तैयारियों में जुटने को कहा है।
साथ ही कांग्रेस के साथ मिलकर यहां सरकार बनाने का दावा भी तेजस्वी ने किया था। वर्तमान माहौल में कांग्रेस को जिस तरह झारखंड के चुनावी नतीजों से संजीवनी मिली है, उससे यह माना जा रहा है कि पार्टी राजद को साथ लेकर दिल्ली में बिहार-झारखंड के वोटरों को साधने की ताक में लगी है।
मालूम हो कि दिल्ली के चुनाव में बिहारी वोटरों की बड़ी जमात कई विधानसभा सीटों पर निर्णायक स्थिति में हाेती है। यहां आम आदमी पार्टी के सामने भाजपा और कांग्रेस इस लड़ाई में मैदान में उतरती रही है। इस बार राजद, जदयू सरीखे क्षेत्रीय दलों के मैदान में उतरने से मुकाबला रोचक होने के आसार हैं
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