दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को लेडी इरविन कॉलेज में 218 किलो वाट के सोलर पावर प्लांट का उद्घाटन किया। इस मौके पर शिक्षा विभाग से जुड़े कई बड़े अधिकारी भी मौजूद रहे।
सोलर पावर प्लांट के उद्घाटन से लेडी इरविन कॉलेज को बड़ी राहत मिलेगी। इसके अलावा आस-पास के लोगों को इसका लाभ मिलेगा।
मिलकर काम करें राज्य सरकारें: सीएम
उधर, मुख्यमंत्री केजरीवाल ने मंगलवार को नरेला के हिरनकी गांव स्थित खेत में बायो डी-कंपोजर घोल का छिड़काव कर पराली की समस्या से मुक्ति दिलाने के अभियान की शुरुआत की। पूसा स्थित भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान के विज्ञानियों द्वारा तैयार किए गए घोल को छिड़कने से पराली खेतों में ही गल जाएगी, उसे जलाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली की समस्या से निपटने के लिए सभी राज्य सरकारों को मिलकर काम करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले 10 महीने से दिल्ली में नियंत्रित प्रदूषण फिर बढ़ने लगा है। आसपास के राज्यों में पराली जलने लगी है। जिसका धुआं धीरे-धीरे दिल्ली पहुंचने लगा है। उन्होंने कहा कि उन्हें चिंता दिल्ली के साथ पंजाब व हरियाणा के लोगों की भी है। पंजाब से दिल्ली तक आते-आते धुआं थोड़ा कम हो जाता है, लेकिन जहां किसान पराली जलाने के लिए मजबूर हो रहे हैं, वहां कितना प्रदूषण होता होगा, यह सोचने की बात है। वहां के किसान मजबूरी में पराली जलाते हैं। इस समस्या से पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश के किसानों के साथ दिल्ली की जनता भी दुखी है, लेकिन अन्य राज्यों की सरकारें आंख बंद करके बैठी हुई हैं। उम्मीद है कि बाकी सभी सरकारें भी ठोस कदम उठाएंगी।
वहीं, मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने मंगलवार को केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से मुलाकात की। मुख्यमंत्री ने दिल्ली के लिए तय की गई जल हिस्सेदारी को बढ़ाने की मांग की। इस मुलाकात में दिल्ली के शहरी विकास मंत्री सत्येंद्र जैन और वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद थे। शेखावत ने जल संरक्षण के लिए मंत्रालय द्वारा चलाई जा रही मुहिम कैच द रेन के बारे में भी विचार-विमर्श किया। इस दौरान यमुना की सफाई, वर्षा जल संचयन, हरियाणा के साथ लंबित जल मुद्दे और वाटर बॉडी (झील, तालाब) को पुनर्जीवित करने को लेकर भी चर्चा हुई। बता दें कि 1996 से दिल्ली की हिस्सेदारी नहीं बढ़ाई गई है, जबकि यहां की आबादी दोगुनी हो गई है।