72 साल पहले मिला एक उल्कापिंड वैलेंटाइन डे (Valentine Day 2019) पर नीलाम हो सकता है। इस उल्कापिंड (Meteorite) की खास बात यह है कि यह दिल (Heart Shape Meteorite) के आकार का है। ब्रिटिश ऑक्शन हाउस क्रिस्टी इसकी ऑनलाइन नीलामी करेगा। नीलामी को लेकर क्रिस्टी का कहना है कि उल्कापिंड 1947 में साइबेरिया में मिला था और इसकी कीमत इसके वजन के आधार पर निर्धारित की जाएगी।
क्रिस्टी के साइंस और नेचुरल हिस्ट्री विशेषज्ञ जेम्स हास्लोप का कहना है कि करीब 320 मिलियन साल पहले एस्टेरॉयड बेल्ड से अलग हो गया था। ये 12 फरवरी, 1947 को वायुमंडल के छोटे उल्कापिंडों में टूटकर साइबेरिया के सिखोट-एलिन पर्वत पर आग के गोले के रूप में गिरा था।
भारी कीमत पर बिके हैं उल्कापिंड : क्रिस्टी के कई उल्कापिंड के टुकड़े भारी कीमत पर बिक चुके हैं। 2016 के एक ऑक्शन में उल्कापिंड का एक टुकड़ा 1.3 लाख डॉलर (86 लाख रुपये) में बिका था। मशहूर मैगजीन मैकेनिक्स के अनुसार अब तक का सबसे महंगा उल्कापिंड 2012 में बिका था। इसकी कीमत 3.3 लाख डॉलर (2 करोड़ रुपये) थी।
चांद और मंगल ग्रह के टुकड़े बेहद कीमती : जियोलॉजी डॉट कॉम नामक अमेरिकी वेबसाइट के अनुसार चांद और मंगल ग्रह से आए टुकड़ों की अच्छी खासी कीमत मिलती है। इनकी कीमत एक हजार डॉलर प्रति ग्राम से शुरू होती है। यानी ये टुकड़े सोने से भी महंगी कीमत पर बिकते हैं। वहीं वो उल्कापिंड जिन्हें क्लासिफाइड नहीं किया जा सकता, आधा डॉलर प्रति ग्राम की कीमत पर बिकते हैं।
कैसे तय होती है कीमत? : पहले उल्कापिंड की कीमत उसके वजन से तय होती थी। लेकिन अब नीलामी के लिए चार चीजों पर गौर किया जाता है। जैसे इनका आकार, रंग, वजन और उल्कापिंड से जुड़ी कहानी। उदाहरण के तौर पर अगर संबंधित उल्कापिंड किसी खास ग्रह या धूमकेतू का हिस्सा है तो उसकी कीमत काफी बढ़ जाती है। वहीं इनके आकार से भी इनकी कीमत और खासियत बढ़ जाती है।
इनका आकार धरती की हीट शील्ड में एक दिशा में एंट्री करने के कारण बनता है। 72 साल पुराना ये उल्कापिंड अपने दिल के आकार के कारण वैलेंटाइन डे पर नीलाम होगा। वहीं इन आकारों में पैराबोला शेप यानी अंडे के जैसा आकार भी भारी कीमत पर बिकता है।