अमेरिकी कांग्रेस सदस्य तुलसी गबार्ड ने मंगलवार को न्यूयॉर्क में बने अक्षरधाम मंदिर में दर्शन किए। इसकी जानकारी उन्होंने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर दी।
यहां आना मेरा सौभाग्य- तुलसी गबार्ड
उन्होंने अपने ट्वीट में लिखा, कल रात प्रतिष्ठित अक्षरधाम मंदिर में जाना मेरे लिए सौभाग्य की बात थी। मैं देश भर से एकत्रित हुए हिंदू नेताओं, रॉबिंसविले के मेयर और परिषद के सदस्यों और प्रार्थना, संगति और एकता की विशेष शाम के लिए एकत्रित हुए हजारों लोगों के द्वारा किए गए स्वागत के लिए आभारी हूँ।
बता दें नवनिर्वाचित राष्ट्रपति ट्रंप ने तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक के पद पर नियुक्त किया है, जिन्होंने 2022 में डेमोक्रेटिक पार्टी छोड़ दी थी। यह एक ऐसा पद है जिसमें अत्यधिक गोपनीय खुफिया जानकारी तक उनकी पहुंच होगी तथा 18 जासूसी एजेंसियां उनकी निगरानी में होंगी।
भगवान कृष्ण और आध्यात्मिक मूल्यों के प्रति गहरी आस्था रखने वाली तुलसी गबार्ड भगवद गीता के नाम पर शपथ लेने वाली पहली अमेरिकी महिला कांग्रेस सदस्य हैं.
कौन हैं तुलसी गबार्ड?
नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पहली अभारतीय हिंदू नेता तुलसी गबार्ड को अमेरिका की नेशनल इंटेलीजेंस एजेंसी का निदेशक नियुक्त करने को परंपरागत अमेरिकी राजनीति में बड़े बदलाव के संकेत के तौर पर देखा जा रहा है।
हिंदू धर्म की परंपराओं और रीति रिवाज में गहरी आस्था रखने वाली गबार्ड ना सिर्फ भारत और अमेरिका के मौजूदा रणनीतिक रिश्तों को और ज्यादा प्रगाढ़ बनाने की प्रबल समर्थक रही हैं बल्कि समय-समय पर वह हिंदू हितों की बात भी खुल कर रखती रही हैं। उनकी नेतृत्व में भारत व अमेरिका के बीच आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ने की संभावना है। वैसे इस क्षेत्र में दोनों देशों के बीच लगातार सहयोग बढ़ रहा है।
अमेरिकन सामोआ (दक्षिणी प्रशांत महासागर में स्थित अमेरिका के अधिकार द्वीप) में जन्मी तुलसी गबार्ड की मां कैरोल गबार्ड का झुकाव हिंदू धर्म की तरफ था। उन्होंने अपने बच्चों के हिंदू नाम रखे हैं। किशोरवस्था में आते-आते तुलसी ने पूरी तरह से हिंदू धर्म को अपना लिया था।