हिन्दू शास्त्रों में दान का विशेष महत्व है। कहा जाता है कि दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है लेकिन कुछ चीज ऐसे भी होते हैं, जिन्हें दान करने से हानी होती है। आइये जानते हैं किस व्यक्ति को कौन सी चीज दान नहीं करना चाहिए…

अगर आपकी कुंडली में ग्रह उच्च राशि या अपनी स्वयं की राशि में स्थित हो तो उनसे संबंघित वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। सूर्य मेष राशि में होने पर उच्च और सिंह राशि में होने पर अपनी स्वराशि का हो जाता है। ऐसे में इन लोगों को लाल या गुलाबी रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा गुड़, आटा, गेहूं तांबा आदि किसी को भी नहीं देना चाहिए।
चंद्रमा वृष राशि में उच्च और कर्क राशि में स्वगृही होता है अगर आपकी जन्म कुंडली ऐसी स्थिति में हो तो भूलकर भी माता अथवा मातातुल्य किसी भी महिला का दिल न दुखाएं। साथ ही दूध, चावल, चांदी, मोती और जलीय पदार्थ दान न करें।
मंगल मकर राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त करता है जबकि मेष या वृश्चिक राशि में हो तो स्वराशि का हो जाता है। अगर कुंडली ऐसी स्थिति में हो ते मसूर की दाल, मिष्ठान्न अथवा अन्य किसी मीठे खाद्य पदार्थ का दान नहीं करना चाहिए। साथ ही घर में किसी मेहमान को कभी सौंफ खाने को न दें, ये आपके लिए हानिकारक हो गा।
बुध कन्या राशि में होने पर उच्च और मिथुन राशि में होने पर स्वगृही होता है। यदि आपकी कुंडली ऐसी स्थिति में है तो आपको हरे रंग के पदार्थ और वस्तुओं का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा साबुत मूंग, पेन-पेंसिल, पुस्तकें, मिट्टी का घड़ा, मशरूम आदि का दान करने से परहेज करें। अगर इन चीजों का दान करते हैं तो रोजगार और धन-संबंधी समस्याएं से परेशान रहेंगे।
बृहस्पति जब कर्क राशि में होते हैं तो उच्चता को प्राप्त करता है। वहीं, धनु या मीन राशि में हो तो स्वगृही हो जाता है। अगर आपकी कुंडली में ऐसी स्थिति हो तो ऐसे व्यक्ति को पीले रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा सोना, पीतल, केसर, धार्मिक साहित्य या वस्तुएं आदि का दान नहीं करना चाहिए।
शुक्र जब कुंडली में वृष या तुला राशि में रहता है तो स्वराशि का हो जाता है और मीन राशि में हो तो उच्चता को प्राप्त करता है। अगर ऐसी स्थिति हो तो श्वेत रंग के सुगंधित पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। साथ ही दही, मिश्री, मक्खन, शुद्ध घी, इलायची आदि का दान भूलकर भी न करें। माना जाता है कि इन चीजों का दान करने से अचानका हानि का सामना करना पड़ सकता है।
शनि तुला राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त करता है जबकि मकर या कुंभ राशि में होने पर स्वगृही हो जाता है। अगर ऐसी स्थिति हो तो भूलकर भी काले रंग का पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। इसके अलावा लोहा, लकड़ी और फर्नीचर, तेल या तैलीय सामग्री, बिल्डिंग मटेरियल आदि का दान करने से परहेज करना चाहिए। साथ काले रंग की गाय, भैंस, काला कुत्ता नहीं पालना चाहिए।
राहू अगर कन्या राशि में हो तो स्वाराशि का हो जाता है और वृष व मिथुन राशि में होने पर उच्च हो जात है। अगर ऐसी स्थिति हो तो नीले और भूरे रंग के पदार्थों का दान नहीं करना चाहिए। साथ ही मोरपंख, नीले वस्त्र, कोयला, आदि किसी को भी नहीं देना चाहिए। माना जाता है अगर आप इन वस्तुओं का दान करते हैं तो आपके ऊपर कर्ज बढ़ता जाएगा, जो बाद में परेशानी का एक कारण बन जाएगा।
केतु यदि मीन राशि में हो तो स्वगृही और वृश्चिक व धनु राशि में होने पर उच्चता को प्राप्त होता है। यदि आपकी जन्म कुंडली में केतु इस स्थिति में है तो भूरे, चित्र-विचित्र रंग के वस्त्र, कम्बल, तिल या तिल से बने पदार्थ का दान नहीं करना चाहिए।
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