नागर विमानन महानिदेशालय अक्टूबर 2017 को भारत में ड्रोन्स के इस्तेमाल को लेकर ड्राफ्ट पॉलिसी बनाने के सम्बन्ध में सामने आया था। अब अगस्त 2018 में सरकार ने ड्रोन्स के कमर्शियल इस्तेमाल के लिए दरवाजे खोल दिए हैं। ड्रोन्स नियामक 1.0 आ गया है और ये नियम 1 दिसंबर 2018 से लागू होंगे। नागर विमानन महानिदेशालय ने ड्रोन नियामक 2.0 पर भी काम करना शुरू कर दिया है।
ड्रोन के मालिक और पायलट दोनों को ड्रोन उड़ाने के लिए नागर विमानन महानिदेशालय से रजिस्ट्रेशन करना होगा। पायलट को ड्रोन उड़ाने की अनुमति डिजिटल स्काई प्लेटफॉर्म से मिलेगी। यह ऑटोमेटेड प्रोसेस कुछ कारकों पर गौर कर के इसकी अनुमति स्वीकार या खारिज करेगा। ऐसा माना जा रहा है की इसे आसान प्रक्रिया वाला बनाया जाएगा। नए नियमों के अनुसार ड्रोन्स को केवल दिन के समय में उड़ाया जा सकेगा। इसी के साथ ड्रोन को 400 फीट ऊंचाई तक ही उड़ाया जा सकेगा।
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