कैंसर की कराह सिर्फ डेहरी तक सीमित नहीं है। आसपास के 6 गांव भी इस खतरनाक बीमारी से घिरे हुए हैं। इन गांवों में नईदुनिया टीम ने पड़ताल की, तो वहां के जनप्रतिनिधियों का दावा है कि वर्ष 2017 से अब तक 10 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4 लोग अब भी इस बीमारी से जूझ रहे हैं। इनमें एक महिला ब्रेस्ट कैंसर से पीड़ित है, जबकि पुरुष लीवर और अन्य तरह के कैंसर का शिकार हैं। डेहरी से 5 किमी के दायरे के 5 गांवों और 10 किमी दूर एक गांव में कैंसर ने पैर पसारे हैं। इनमें लोंगसरी, बाकी, अंजतार, कोसदाना, अंबापुरा और ब्राह्मण गांव शामिल हैं।
लोंगसरी व बाकी में दो-दो, अंजतार में तीन की मौत
ग्राम लोंगसरी की सरपंच थावलीबाई पति देवीसिंह ने बताया कि 3 हजार की आबादी वाले इस गांव में लोग दूषित पानी पीने को मजबूर हैं। ट्यूबवेल व हैंडपंप से पानी प्रदाय किया जाता है। कैंसर से लक्ष्मण एस्के और रेवसिंह की मौत हो चुकी है, जबकि जोरसिंह इस बीमारी से जूझ रहा है। 1700 की आबादी वाले बाकी में कैंसर से शंकर-हरजी और गोपाल छगन की मौत हो चुकी है, जबकि ब्रेस्ट कैंसर का पीड़ित एक महिला का इलाज चल रहा है।
इधर, डेहरी में वर्ष 2017 से अब तक 7 लोगों की मौत कैंसर के कारण हुई थी। 5 अगस्त को नईदुनिया में समाचार प्रकाशित होने के बाद तीन लोगों के नाम और सामने आए हैं। इसमें शकु बाई चौहान, सुभद्रा राठौड़, सुगरा बी व शामिल हैं। ये सभी अलग-अलग तरह के कैंसर से पीड़ित थीं। इस तरह डेहरी में कैंसर से हुई मौतों का आंकड़ा अब 10 हो गया है।