डीएफसीसीआईएल परियोजना के तहत अंबाला मंडल के अधीन का साहनेवाल से लेकर पिलखनी तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। यह कार्य जुलाई 2016 में शुरु हुआ था। यह परियोजना 2005 में बनी थी और 2006 में इसे मंजूरी मिली थी। इसके तहत तीन रेल सेक्शन को तैयार किया गया।
पिलखनी से साहनेवाल रेलवे ट्रैक पर अब मालगाड़िया दौड़ने लगी हैं। मंगलवार को डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर और सुरक्षा टीम की ओर से पूरे रेलवे सेक्शन का निरीक्षण किया और मालगाड़ी को चलाकर देखा, जो पूरी तरह से सफल रहा। 58 कोच में पिलखनी से चली मालगाड़ी ने 42 किमी प्रतिघंटा की रफ्तार से 175 किमी का सफर मात्र चार घंटे में पूरा कर लिया।
जबकि पहले इस सेक्शन पर मालगाड़ी के संचालन में छह से अधिक घंटे का समय लगता था। डीएफसीसीआईएल द्वारा पिछले लगभग 10 दिनों से इस सेक्शन पर कभी इंजन तो कभी खाली मालगाड़ी को लगातार दौड़ाया जा रहा था ताकि कहीं कोई खामी न रह जाए और तुरंत प्रभाव से तैयार इस सेक्शन को मालगाड़ियों के लिए शुरु किया जा सके। इस उपलब्धि से डीएफसीसीआईएल अधिकारी काफी खुश हैं। अब मालगाड़ियों के लिए अलग लाइन होने से मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों के संचालन में बाधा नहीं आएगी और ये यात्री ट्रेनें भी बीच रास्ते कहीं रुके गंतव्य तक पहुंच सकेंगी।
5500 करोड़ से तैयार हुआ सेक्शन
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर कारपोरेशन ऑफ इंडिया (डीएफसीसीआईएल) द्वारा बिछाए गए नए रेल लाइन की शुरुआती लागत 3 हजार करोड़ थी जो बाद में बढ़कर 5500 करोड़ तक पहुंच गई। इसमें 2500 करोड़ का सिविल वर्क, एक हजार करोड़ का सिग्नल और ओएचई कार्य और 1200 करोड़ रुपये जमीन अधिग्रहण की कीमत शामिल है।
जुलाई 2016 में शुरू हुआ था काम
डीएफसीसीआईएल परियोजना के तहत अंबाला मंडल के अधीन का साहनेवाल से लेकर पिलखनी तक कॉरिडोर का निर्माण किया गया है। यह कार्य जुलाई 2016 में शुरु हुआ था। यह परियोजना 2005 में बनी थी और 2006 में इसे मंजूरी मिली थी। इसके तहत तीन रेल सेक्शन को तैयार किया गया। पहला शंभू से साहनेवाल, दूसरा पिलखनी से कलानौर और तीसरा कलानौर से पिलखनी तक।
डीएफसीसीआईएल का स्टाफ करेगा कार्य
पिलखनी से साहनेवाल तक लगभग 175 किमी के रेल सेक्शन का कार्य अंबाला मंडल के अधीन डीएफसीसीआईएल के अधीन है। डीएफसीसीआईएल ने इसके लिए विशेष प्रशिक्षित स्टाफ को रखा है। इसमें ट्रेन चालक, गार्ड व अन्य 200 से अधिक कर्मचारी शामिल हैं जो पूरे रेल सेक्शन की निगरानी कर रहे हैं ताकि कहीं कोई भी दुर्घटना न हो।
पिलखनी से साहनेवाल तक मालगाड़ियों का संचालन मंगलवार से आरंभ कर दिया गया है। चार घंटे में मालगाड़ी ने 175 किमी का सफर बिना रुके पूरा किया। यह डीएफसीसीआईएल सहित रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे अब मेल व एक्सप्रेस ट्रेनों का संचालन भी बाधित नहीं होगा। -पंकज गुप्ता, मुख्य महाप्रबंधक, डीएफसीसीआईएल अंबाला।