राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने ठोस कचरा प्रबंधन मामले में केरल सरकार की खिंचाई करते हुए कहा है कि प्रशासन नागरिकों के स्वच्छ पर्यावरण के अधिकार की रक्षा करने में विफल रहा है। एनजीटी चेयरमैन जस्टिस एके गोयल की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि पिछले दो सालों में बार-बार निर्देश दिए जाने के बावजूद ठोस कचरा प्रबंधन नियम, 2016 के अनुपालन और ठोस कचरा निपटान की दिशा में कोई सार्थक कदम नहीं उठाया गया।

राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की रिपोर्ट के अनुसार, नमूने से साफ है कि पर्यावरण के मापदंड पूरे नहीं किए जा रहे हैं। महानगरपालिका अभी भी अनधिकृत ऑपरेशन चला रहा है। बायो माइनिंग का काम शुरू नहीं हुआ है।
मुआवजा का आकलन तो हुआ, लेकिन उसकी वसूली नहीं हुई। पीठ ने कहा कि मुख्य सचिव के हलफनामा से यह नहीं दिखता कि जमीनी स्तर पर कोई प्रभावी कार्रवाई की गई है। स्थिति संतोषजनक नहीं है। पर्यावरण नियमों का पालन नहीं होना, कानून-व्यवस्था कायम करने से अलग नहीं है। पर्यावरणीय नियमों का लगातार उल्लंघन न सिर्फ नागरिकों के अधिकारों का उल्लंघन है, बल्कि जन स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है।
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