संसद की एक बैठक के दौरान अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हैती व कुछ अफ्रीकी देशों को शिटहोल देश (मलिन नाली के कीड़ों वाले देश) कहने से कई देशों में उबाल देखा गया। अफ्रीकी देशों के समूह ने ट्रंप की अभद्र नस्ली टिप्पणी को वापस लेने की मांग करते हुए कहा है कि अमेरिकी राष्ट्रपति अपने बयान पर माफी मांगें। उन्होंने बयान को काफी निराशाजनक कहा।आव्रजन संबंधी मसले पर हुई बैठक के दौरान अश्लील शब्दों का इस्तेमाल कर ट्रंप की गई इस नस्ली टिप्पणी पर शनिवार को अमेरिकी राष्ट्रपति अंतरराष्ट्रीय समुदाय के निशाने पर रहे। हालांकि ट्रंप ने अपनी सफाई देते हुए कहा कि उनका इरादा किसी भी देश का अपमान करने का कतई नहीं रहा है, लेकिन अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि संगठनों ने इस टिप्पणी पर आश्चर्य और नाराजगी जताई।
उन्होंने कहा कि ट्रंप प्रशासन ने अफ्रीकी नागरिकों को गलत समझा है। संगठनों ने कहा कि वे ट्रंप के घृणित, नस्ली और दूसरे देश के लोगों के प्रति नफरत भरी टिप्पणियों की निंदा करते हैं। अफ्रीकी देश बोत्सवाना की विदेश मंत्री पेइलोनोमी वेंसन मोईतोई ने ट्रंप के बयान की निंदा करते हुए कहा कि यह ऐसा शब्द नहीं है जिसे अमेरिकी राष्ट्रपति को इस्तेमाल करना चाहिए था। हम जानते हैं कि यह अमेरिकी कांग्रेस नहीं है जिसने शिटहोल जैसा शब्द इस्तेमाल करने का ट्रंप को अधिकार दिया है, इसीलिए हम सावधानी बरत रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि व्हाइट हाउस में हुई इस बैठक के बारे में बताते हुए डेमोक्रेटिक सीनेटर डिक डर्बिन ने कहा कि ट्रंप ने अफ्रीकी देशों को कई बार शिटहोल्स कहकर संबोधित किया और उनके खिलाफ नस्ली भाषा का इस्तेमाल किया।
ट्विटर पर ट्रंप की सफाई
अभद्र व नस्ली टिप्पणी से उपजे विवाद को थामने के लिए ट्रंप ने ट्विटर का सहारा लिया और लिखा कि उन्होंने ऐसा कोई शब्द नहीं कहा था। उन्होंने लिखा कि उनकी भाषा सख्त जरूर थी लेकिन जिस शब्द को उनसे जोड़ा जा रहा है वैसी भाषा का उन्होंने इस्तेमाल नहीं किया।
उन्होंने मार्टिन लूथर किंग से जुड़े एक कार्यक्रम में भी इस पर सफाई दी और कहा कि किंग ने अपनी बहादुरी और बलिदान से देश की आंखें खोली और उसे आगे बढ़ाया। उन्होंने कहा कि हमारी त्वचा का रंग और जन्मस्थान कुछ भी हो लेकिन हम सबको ईश्वर ने बराबर का बनाया है।