टाटा संस ने गुरुवार को कहा कि उसके मुख्य आचारनीति (एथिक्स) अधिकारी मुकुंद राजन नौकरी छोड़ रहे हैं. वह अपना कारोबार शुरू करेंगे. कंपनी ने कहा कि वह 31 मार्च को पद छोड़ देंगे. यह फैसला दोनों पक्षों की सहमति से लिया गया है.
डॉ. राजन (49) इससे पहले टाटा टेलीसर्विसेज (महाराष्ट्र) के प्रबंध निदेशक थे. वह 2013 में समूह के प्रवक्ता और ब्रांड संरक्षकबनाये गये थे. इनकी नियुक्ति साइरस मिस्त्री के समय की गई पहली बड़ी नियुक्ति थी. मिस्त्री ने 28 दिसंबर 2012 को रतन टाटा के रिटायर होने के बाद ग्रुप चेयरमैन का पद संभाला था.
राजन के पद छोड़ने के कारणों पर कंपनी ने कहा है कि उन्होंने इसके पीछे निजी कारणों का हवाला दिया है. राजन ने संकेत दिए हैं कि आने वाले महीनों में वे अपना काम शुरू करेंगे.
बता दें कि राजन, मिस्त्री की बनाई गई ग्रुप एक्जीक्यूटिव काउंसिल के भी सदस्य थे. इस काउंसिल की स्थापना मिस्त्री की अगुवाई में अप्रैल 2013 में हुई थी. इसका उद्देश्य मिस्त्री को रणनीति और ऑपरेशनल सपोर्ट मुहैया करना था.
काउंसिल में अर्नेस्ट एंड यंग के एनएस राजन, टाटा ब्रैंड के मुकुंद राजन, पूर्व बीएसई चीफ मधु कन्नन, रणनीतिकार निर्मल्य कुमार और टाटा के वरिष्ठ हरीश भट शामिल थे. मिस्त्री को हटाए जाने के बाद काउंसिल भंग कर दी गई थी और राजन ने नई भूमिका संभाल ली.
मुकुंद राजन ने अपना करियर टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (TAS) ऑफिसर के तौर पर शुरू की थी. ग्रुप के साथ लगभग दो दशक तक उनका जुड़ाव बना रहा. ग्रुप ने अपने बयान में विभिन्न भूमिकाओं जैसे टेलीकम्युनिकेशन सेक्टर, प्राइवेट इक्विटी स्पेस और ब्रैंडिंग स्ट्रैटजी और टाटा एडमिनिस्ट्रेटिव ऑफिसर के रूप में लगभग 23 सालों की सेवा के लिए राजन का धन्यवाद किया है.
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