भारत का गौरव माने जाने वाले बाघों की गिनती एक बार फिर शुरू होने जा रही है। टाइगर स्टेट का ताज रखने वाले एमपी में बाघों की संख्या आने वाले वर्षों में नया इतिहास रच सकती है। वन विभाग के सूत्रों के अनुसार वर्ष 2026 में होने वाले टाइगर सेंसेस में प्रदेश के बाघों की संख्या 1000 से ज्यादा हो सकती है। वर्तमान में राज्य में 785 बाघ हैं और लगातार बढ़ते सुरक्षित आवास इस अनुमान को मजबूती देते हैं।
ऐसे होगी बाघों की गिनती
बाघों की गणना को पारदर्शी और सटीक बनाने के लिए इस बार उन्नत तकनीक का सहारा लिया जाएगा। कैमरा ट्रैप, जीपीएस ट्रैकिंग, ड्रोन सर्वे और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) आधारित ऐप के जरिए जंगल के हर हिस्से को खंगाला जाएगा। इससे पहले पचमढ़ी में आयोजित एक कार्यशाला में अधिकारियों और फील्ड स्टाफ को इन तकनीकों के उपयोग की बारीकियां सिखाई गईं। वन विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि मध्य प्रदेश के टाइगर रिजर्व और संरक्षित क्षेत्रों में हाल के वर्षों में बाघों का संरक्षण सफल रहा है। बेहतर निगरानी और प्राकृतिक आवास उपलब्ध कराना इस वृद्धि का सबसे बड़ा कारण है।
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