झारखंड की राजधानी रांची में रविवार को बड़ा ही सुखद नजारा दिखा। आगंतुकों के तब पांव ठिठक गए, जब यहां एक ही मंडप में मां और उसकी सगी बेटी की शादी हुई। यहां एक ही मंडप में मां और बेटी को परिणय सूत्र में बंधते देखने के लिए आसपास के इलाकों से हुजूम जुटा था। इस अनोखी शादी के गवाह बने लोगों ने मां और बेटी को उनके आने वाले जीवन के लिए शुभकामनाएं दीं।
निमित्त संस्था की ओर से रविवार को आयोजित सामूहिक शादी में 150 जोड़ों ने सात फेरे लेकर एक दूसरे के साथ जीवन जीने की कसमें खाईं। यहां कई ऐसे जोड़े थे जो वर्षों से लिवइन रिलेशन में एक साथ रह रहे थे। लेकिन, पैसे के अभाव मे शादी नहीं कर पाये। मंडप में बैठे अधेड़ दूल्हा-दुल्हनों के चेहरे पर खुशी स्पष्ट देखी जा रही थी।
इस वैवाहिक समारोह में सबकी नजरें रांची के कांके प्रखंड के सांगा गांव निवासी मां-बेटी पर थी। मां परमी (50) और बेटी कलावती यहां एक ही मंडप में वैवाहिक बंधन में बंधी। मौके पर सांगा गांव के 12 जोड़ों की शादी हुई। इस समारोह में मंगल बंधन में बंधनेवाले सभी जोड़े अलग-अलग धर्म से जुड़े थे।
वैवाहिक समारोह में एक ओर अग्नि के समक्ष सात फेरे लिये जा रहे थे। वहीं दूसरी ओर पाहन की देखरेख में सरना विधि-विधान से शादी हो रही थी। चर्च से आए फादर ने भी बाइबिल की उक्तियां पढ़कर जोड़ों की शादी की रस्म अदायगी की। समाजिक कार्यकर्ता जयंती देवी के अनुसार अधेड़ उम्र के अधिकतर ऐसे लोग हैं जो मजदूर हैं। इनमें प्राय: ईंट भट्ठा में काम करते हैं। बताया गया कि जिन वरों ने अपनी पसंद की लड़की तो चुन ली, लेकिन शादी नहीं कर पाये, उनके लिए यह खास आयोजन किया गया था।