अप्रैल से जुलाई के बीच बेमौसम बारिश के चलते चालू वित्त वर्ष यानी 2025-26 में रूम एयर कंडीशनर की बिक्री में 10-15 फीसदी की गिरावट आने की उम्मीद है। रेटिंग एजेंसी इक्रा का अनुमान है कि उद्योग की बिक्री इस दौरान 1.15 करोड़ यूनिट रह सकती है। 2024-25 में रिकॉर्ड 1.3 करोड़ यूनिट की बिक्री हुई थी।
रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर और मध्य भारत में अप्रैल-जुलाई के में जब गर्मी चरम पर होती है, उस दौरान लंबे समय तक बेमौसम बारिश होती रही। इससे एसी की मांग घट गई। हालांकि, दूसरी छमाही यानी जुलाई-सितंबर के बीच आंशिक सुधार की उम्मीद है। खासकर दक्षिणी और पश्चिमी क्षेत्रों से जो 2026 में और गर्म होने के पूर्वानुमान से प्रेरित है।
इक्रा ने कहा, वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दर में कमी जनवरी, 2026 में नए स्टार लेबल दिशानिर्देशों के कार्यान्वयन से संबंधित मूल्य वृद्धि की भरपाई से कहीं अधिक होगी। इससे अगली तिमाही में सीजन से पहले की खरीदी को बढ़ावा मिलेगा। 22 सितंबर से एसी पर जीएसटी 28 से घटकर 18 फीसदी आने से भी इसकी मांग बढ़ने का अनुमान है। एसी उद्योग की दीर्घकालिक मजबूती मजबूत विकास कारकों बढ़ते तापमान, घरों में कम पहुंच, शहरीकरण और ऊर्जा कुशल मॉडलों की ओर लगातार बदलाव से बढ़ती प्रतिस्थापन मांग पर आधारित है।
अगले दो वर्षों में क्षमता वर्तमान 2.6 करोड़ यूनिट से 40-50 फीसदी से अधिक बढ़ने की उम्मीद है। इसके लिए अगले दो-तीन वर्षों में 4,500-5,000 करोड़ रुपये के पूंजीगत खर्च की योजना बनाई गई है। इसके विनिर्माण हेतु भारत सरकार की उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना से भारतीय रूम एसी उद्योग में स्वदेशीकरण को वर्तमान 50-60 फीसदी से बढ़ाकर 2027-28 तक 70-75 फीसदी तक किया जाएगा।
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