अधिकतर लोग अपने जीवन से चिंता और तनाव को दूर करने के उपाय ढूंढ़ते रहते हैं लेकिन इसी चिंता को दूर करते-करते वह अवसाद और डिमेंशिया का शिकार हो जाते हैं.

यूनिवर्सिटी ऑफ टोरंटो के सहायक प्रोफेसर लिंडा माह के अनुसार, ‘लंबे समय तक चिंता, भय, तनाव की स्थिति में मस्तिष्क की तंत्रिका गतिविधि प्रभावित होती है जिसकी वजह से मानसिक विकार, अवसाद और अल्जाइमर रोग होने की संभावना रहती है.’
शोधार्थियों का कहना है, ‘सामान्य स्थितियों में चिंता और तनाव जिंदगी के आम हिस्से के रूप में जाना जाता है लेकिन अगर यह बार-बार और लंबे समय तक रहता है तो इससे दिनचर्या की सामान्य गतिविधियां प्रभावित होती हैं. लंबे समय तक यह समस्या रहने से व्यक्ति मानसिक रोग का शिकार हो सकता है.’
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