आमिर खान की पहली फिल्म कयामत से कयामत तक के निर्देशक ने हाल में ही कहा है कि वह इस फिल्म के अंतिम स्वरूप से खुश नहीं थे। इसके साथ ही उन्होंने अभिनेता की एक और सफल फिल्म जो जीता वही सिकंदर को लेकर भी दिलचस्प खुलासा किया है।
निर्देशक मंसूर खान ने अपने चचेरे भाई और बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान के साथ कुछ बेहतरीन फिल्में बनाई हैं। इनमें कयामत से कयामत तक और जो जीता वही सिकंदर शामिल हैं। हाल में ही निर्देशक ने एक दिलचस्प जानकारी सझा की है, जिसमें उन्होंने बताया कि अगर जो जीता वही सिकंदर को उसके मूल प्रारूप में बनाया गया होता, तो उन्हें लगता है कि वो आमिर के करियर को बर्बाद कर सकता था।
‘कयामत से कयामत तक’ से पहले आया था इस फिल्म का विचार
इंडिया नाउ और हाउ यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए मंसूर खान ने कहा कि जो जीता वही सिकंदर का विचार उनके पिता नासिर हुसैन द्वारा कल्पना की गई फिल्म कयामत से कयामत तक से भी पहले आया था। उन्होंने 1986 में आमिर खान को ध्यान में रखते हुए स्पोर्ट्स ड्रामा विकसित करना शुरू किया, जो उस समय सिर्फ 19 या 20 वर्ष के थे। इस बीच, नासिर आमिर के करियर को लॉन्च करने के लिए कयामत से कयामत तक बना रहे थे।
‘जो जीता वही सिकंदर’ को लेकर दिया ये बयान
इस बातचीत के दौरान मंसूर ने स्वीकार करते हुए कहा कि अगर उन्होंने जो जीता वही सिकंदर के मूल संस्करण को आगे बढ़ाया होता, तो यह आमिर खान के शुरुआती करियर के लिए खतरा हो सकता था। हालांकि, कयामत से कयामत तक पहले आई, जिसने बाद में उनकी सफलताओं का मार्ग खोल दिया। उन्होंने कहा, “शुक्र है कि मैंने वह फिल्म नहीं बनाई। मैंने आमिर का करियर बर्बाद कर दिया होता।”
‘कयामत से कयामत तक’ के कुछ दृश्यों से खुश नहीं थे निर्देशक
फिल्म निर्देशक ने खुलासा किया कि जो जीता वही सिकंदर की अपनी शुरुआती स्क्रिप्ट से खुश न होने के कारण उन्होंने कयामत से कयामत तक को चुना। उनके पिता नासिर हुसैन ने उन्हें इसका सुझाव दिया था। हालांकि पहले तो वे इसे लेकर थोड़ा हिचकिचाए और इसे बस एक और प्रेम कहानी कहकर खारिज कर दिया, लेकिन आखिरकार वो इसके निर्देशन के लिए राजी हो गए। उन्होंने बताया कि फिल्म की सफलता के बाद भी वह इसके अंतिर स्वरूप से संतुष्ट नहीं थे। उन्होंने अपने पिता से इसके कुछ दृश्यों को दोबारा से शूट करने का आग्रह किया, लेकिन उनके पिता इससे संतुष्ट थे। हालांकि, निर्देशक आज भी उन हिस्सों को दोबारा से शूट करने की चाहत रखते हैं। उन्होंने कहा, “आज भी, मुझे लगता है कि मुझे उन दृश्यों को अलग तरीके से शूट करना चाहिए था।”