जेएनयू के वीसी एम. जगदीश कुमार का कार्यकाल शुरुआत से ही विवादों के घेरे में रहा है। मामला चाहे 2016 में कन्हैया कुमार से जुड़े देश विरोधी नारेबाजी का है और या फिर उनके कार्यालय में कई बार हुई तालाबंदी का, जिसमें सोमवार को केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक भी पांच घंटे तक फंसे रहे। विवादों व जगदीश कुमार का पुराना रिश्ता रहा है। अभी उनके कार्यकाल का एक साल से ज्यादा समय बाकी है।

जनवरी 2016 में वीसी बनाए गए प्रोफेसर एम जगदीश कुमार का विवादों से सामना अपनी नियुक्ति के एक सप्ताह बाद ही उस समय हो गया जब उन्हें संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी के विरोध में कार्यक्रम आयोजित करने को लेकर छात्रों के विरोध का सामना करना पड़ा।
छात्रों ने कार्यक्रम की अनुमति न मिलने के बाद भी नौ फरवरी 2016 को जेएनयू कैंपस में यह कार्यक्रम आयोजित किया और इसमें कथित तौर पर देश विरोधी नारे लगाए, जिसके बाद कन्हैया कुमार समेत कई छात्र नेताओं पर देशद्रोह का मामला दर्ज हुआ था। इस मामले में तत्कालीन जेएनयू छात्रसंघ अध्यक्ष कन्हैया कुमार को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार किया था और इसके विरोध में छात्रों ने व्यापक विरोध किया था।
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