किसान आंदोलन के कारण जींद के दातासिंह वाला बॉर्डर पर घमासान रहने की आशंका जताई जा रही है। वहीं, पुलिस ने सुरक्षा को देखते पूरी तैयारी कर ली है। किसानों ने भी बॉर्डर क्रॉस करने की रणनीति बनाई है।
जींद में मंगलवार को दिनभर बवाल के बाद रात को आठ बजे दातासिंह वाला बॉर्डर पर शांति बनी। इसके बाद किसान अपने ट्रेक्टरों की तरफ लौट गए और खाना खाकर सो गए। रात को लगभग 11 बजे किसानों ने बैठक करके सुबह दस बजे बॉर्डर क्रॉस करने की रणनीति बनाई। उधर पुलिस ने भी अपने सुरक्षा इंतजामों की समीक्षा की। जानकारी के अनुसार रात को करीब पांच हजार से ज्यादा किसान और बॉर्डर पर पहुंचे हैं।
आज दिनभर दातासिंह वाला बॉर्डर पर घमासान रहने की आशंका है। हर प्रकार की व्यवस्था पुलिस भी कर रही है। काफी संख्या में ग्रामीण भी दातासिंह वाला बॉर्डर की तरफ जा रहे हैं। यदि सरकार व किसानों के बीच समझौता होता है तो ही अब यह आंदोलन रुक सकता है, नहीं तो यह काफी आगे बढ़ जाएगा। दातासिंह वाला बाॅर्डर यदि किसानों ने क्रॉस कर दिया तो फिर दिल्ली तक उनको रोकने वाला कोई नहीं है।
केंद्र सरकार सभी फसलों पर एमएसपी का कानूनी दर्जा दे सरकार : कंडेला
सर्वजातीय खाप के राष्ट्रीय संयोजक व भारतीय किसान मजदूर यूनियन के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी टेकराम कंडेला ने कहा है कि केंद्र सरकार किसानों की एमएसपी का सभी फसलों पर कानूनी दर्जा दिया जाए और कृषि के लिए स्वामीनाथन की रिपोर्ट को पूरी तरह से लागू किया जाए। किसानों की आर्थिक स्थिति को देखते हुए सभी के कर्ज माफ किए जाएं। कंडेला ने किसान आंदोलन पर बोलते हुए कहा है कि किसानों को शांतिपूर्ण आंदोलन करने से रोका जा रहा है।
लोकतंत्र में आंदोलन करने का सबको अधिकार है। कंडेला ने कहा है कि अगर किसानों के साथ किसी प्रकार का कोई अन्याय होता है तो सर्वखाप व किसान संगठन किसानों के साथ है। इस बारे में सभी को एकजुट करने के लिए संपर्क किया जा रहा है। कंडेला ने किसान नेताओं व सरकार से बातचीत के तरीके से इन मांगों पर पूरी तरह से विचार करना चाहिए ताकि आंदोलन शांति तरीके से चले। खाप पंचायतें हर आंदोलन में शांति चाहती है के शांतिपूर्वक तरीके से करने के पक्ष में रही है।
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