जापान को मिलने जा रही है पहली महिला प्रधानमंत्री

वर्ष 1979 में मार्गरेट थैचर जब ब्रिटेन की पहली महिला प्रधानमंत्री बनीं, तब जापान की एक अठारह वर्षीय लड़की ने मन ही मन उन्हें अपना आदर्श मानते हुए उनकी तरह अपने देश का नेतृत्व करने का लक्ष्य निर्धारित कर लिया था। 46 साल पहले देखा गया उस लड़की का सपना अब साकार होने जा रहा है। वह लड़की थी साने ताकाइची, जिन्हें हाल ही में जापान की सत्तारूढ़ लिबरल डेमोक्रेटिक पार्टी (एलडीपी) का नेता चुना गया है। संभावना है कि आगामी 15 अक्तूबर को उन्हें देश की पहली महिला प्रधानमंत्री के तौर पर चुन लिया जाएगा। बतौर जापान की संसद सदस्य तीन दशकों से अधिक का अनुभव रखने वाली ताकाइची आर्थिक सुरक्षा मंत्री समेत कई अहम जिम्मेदारियां निभा चुकी हैं। कट्टर रूढ़िवादी छवि की वजह से आलोचक उन्हें लेडी डोनाल्ड ट्रंप कहने लगे हैं, तो पूर्व प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा ने कथित तौर पर उन्हें ‘तालिबान ताकाइची’ तक कह दिया था। वह मार्गरेट थैचर की तरह जापान की आयरन लेडी के नाम से मशहूर हैं।

शुरुआत
साने ताकाइची का जन्म सात मार्च 1961 को जापान के नारा राज्य में हुआ था। उनके पिता टोयोटा कंपनी में कर्मचारी थे, तो मां पुलिस में। स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद ताकाइची निजी विश्वविद्यालय से पढ़ाई करना चाहती थीं, लेकिन छोटे भाई की पढ़ाई में कोई व्यवधान न आए, इसलिए उन्होंने कोबे विश्वविद्यालय से बिजनेस मैनेजमेंट की पढ़ाई की। इसके बाद उन्होंने टीवी एंकरिंग समेत अन्य काम किए। 1984 में ताकाइची ने मात्सुशिता इंस्टीट्यूट ऑफ गवर्नमेंट एंड मैनेजमेंट में प्रवेश लिया। तीन साल बाद, उन्हें एक कार्यक्रम के तहत वाशिंगटन डीसी भेजा गया। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी के अमेरिकी प्रतिनिधि पैट श्रोएडर के लिए कांग्रेसनल फेलो के रूप में काम किया। 1989 में उन्होंने अमेरिकी कांग्रेस में अपने अनुभव पर एक किताब भी लिखी।

शिंजो आबे से सीखी राजनीति
अमेरिका से लौटने के बाद ताकाइची ने राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी। उन्होंने 1992 में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गईं। इसके एक साल बाद ही और अच्छी तैयारी के साथ फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में संसदीय चुनाव मैदान में उतरीं और जीत दर्ज की। 1996 में वह दक्षिणपंथी एलडीपी से जुड़ गईं और अब तक संसद सदस्य हैं। 2000 के दशक में ताकाइची शिंजो आबे की सहयोगी बन गईं, जो लंबे समय तक प्रधानमंत्री रहे। उन्होंने आबे के मार्गदर्शन में राजनीति के दांव-पेच सीखे। 2021 और 2024 में एलडीपी की शीर्ष नेता का चुनाव हार गईं, लेकिन इस बार शिगेरू इशिबा के इस्तीफे के बाद पार्टी अध्यक्ष के चुनाव में उन्होंने कृषि मंत्री शिंजिरो कोइजुमी को हराया। वह सिर्फ एक बार चुनाव हारी हैं और दस बार संसद सदस्य चुनी गई हैं।

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