जाने आखिर किस प्रकार काम करेगी कोविशील्ड वैक्सीन, कितने सुरक्षित होंगे आप

देश में नए साल के पहले दिन कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल को लेकर नई सौगात मिली है। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन की विषय विशेषज्ञ समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट की कोविशील्ड के इमरजेंसी इस्तेमाल को मंजूरी की सिफारिश की है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी-एस्ट्राजेनेका द्वारा विकसित वैक्सीन भारत के लिए कई कारणों से कारगर साबित होगी। आइए जानते हैं वैक्सीन के बारे में।

बड़ी मात्रा में तैयार है खुराक : दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी आबादी को कोविड-19 महामारी से प्रतिरक्षा देना कोई आसान काम नहीं है। हालांकि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला पहले ही बता चुके हैं कि उनके पास कोविशील्ड की करीब 5 करोड़ खुराक तैयार है। साथ ही जुलाई तक 30 करोड़ खुराक तक तैयार हो जाएगी।

कम तापमान में रखना होगा : कोविशील्ड का चयन भारत को ध्यान में रखकर हुआ है। भारत के पास कोल्ड स्टोरेज की सुविधा कम है, इसलिए यह देश के लिए मुफीद है। जहां दूसरी वैक्सीन को बहुत कम तापमान पर रखनी होगी वहीं कोविशील्ड के लिए दो से आठ डिग्री के मध्य तापमान होना चाहिए। साथ ही हर व्यक्ति को वैक्सीन की दो खुराक लेनी होगी। फिलहाल तैयार वैक्सीन करीब ढाई करोड़ लोगों के लिए पर्याप्त है।

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