देश में सुपर 30 की पहचान किसी से छिपी नहीं है लेकिन सुपर 30 आप और हमसे बहुत कुछ छिपाता है। सुपर 30 का रास्ता कहां से जाता है और वहां से कौन-कौन निकलता है यह भी पता नहीं चल पाता। सुपर 30 की साइट से लेकर सेंटर तक कहीं भी आनंद सुपर 30 स्टूडेंट्स का जिक्र नहीं करते हैं। कई बार, कई मंच पर सवाल किए गए लेकिन आनंद ने कभी भी यह राज नहीं खोला कि इस साल आईआईटी क्वालिफाई करने वाले वे 30 स्टूडेंट्स कौन हैं। दैनिक जागरण आई नेक्स्ट ने जब आईआईटी में सेलेक्ट आनंद के सुपर 30 की तलाश की तो फिर एक बड़ा खेल सामने आया।
वेबसाइट पर भी नहीं है डिटेल
सुपर 30 की वेबसाइट पर कभी कोई रिजल्ट अपलोड नहीं किया जाता है। इस वर्ष का भी रिजल्ट अपलोड नहीं है। आनंद कुमार के फेसबुक पेज और यू टयूब पर सेलिब्रेशन की फोटो और वीडियो शेयर होती है, लेकिन इसमें भी जितने स्टूडेंट्स के सफल होने का दावा होता है उतने वीडियो में नहीं होते हैं। इसके पीछे तर्क स्टूडेंट्स के बाहर होने का होता है लेकिन सवाल यह है कि जिसका भविष्य बनाने के लिए आनंद कुमार ने इतना बड़ा योगदान दिया उनके लिए स्टूडेंट्स सेलिब्रेशन से जरूरी काम में कहां फंस गए? यह एक साल नहीं बल्कि हर साल होता है।
यह है आनंद का दावा
कौन बनेगा करोड़पति का स्टेज। एक तरफ अमिताभ बच्चन और दूसरी तरफ सुपर 30 के आनंद कुमार। अमिताभ बच्चन पूछते हैं कि आखिर आप कैसे 30 बच्चों को चुनते हैं। उस स्टेज पर जो आनंद ने जवाब दिया आज आपको उसकी जमीनी हकीकत बताते हैं।
आनंद का दावा
– हम 30 गरीब बच्चों को पढ़ाते हैं।
– जिन 30 बच्चों को पढ़ाया जाता है वे आईआईटी क्वालिफाई करते हैं।
– हम कोई फीस नहीं लेते हैं।
– मेरा भाई पहले उन सलेक्ट किए गए 30 बच्चों का रिकॉर्ड चेक करता है। गरीब होने पर ही उन्हें पढ़ाया जाता है।
जमीनी हकीकत
– सुपर 30 के नाम पर रामानुजम क्लासेस में हजारों बच्चे पढ़ते हैं।
– किन 30 सुपर स्टूडेंट्स का सलेक्शन किया है, यह किसी को नहीं पता होता।
– रामानुजम में पढऩे बच्चों से हर साल करोड़ो रुपए फीस वसूली जाती है
– रामानुजम में गरीबी कहीं नहीं देखी जाती। सुपर 30 के स्टूडेंट्स की डिटेल मिले तो पता चले कि वे गरीब है या अमीर।