जानें- हैकर्स ने कैसे रची कोरोना वैक्‍सीन को पाने की साजिश और किसने खोला इसका राज़

बीते दस माह से वैश्विक महामारी कोविड-19 की मार झेल रही दुनिया को अब जाकर इसकी वैक्‍सीन की उम्‍मीद जगी है। इसके साथ ही उन शातिर दिमाग के लोगों ने भी इस पर नजरें गड़ा दी हैं जो इसको लोगों तक पहुंचने से पहले ही हैक कर लेना चाहते हैं। दरअसल, ये खेल कराड़ों और अरबों की कमाई से जुड़ा है। पूरी दुनिया इस वैक्‍सीन की राह तक रही है। विभिन्‍न कंपनियों की कोरोना वैक्‍सीन की अरबों खुराक के ऑर्डर दिए जा चुके हैं। कुछ कंपनियों को 2021 में होने वाले उत्‍पादन का भी आर्डर मिल चुका है। ऐसे में हैकर्स इन खुराक को अपने कब्‍जे में लाकर ऐसा गेम प्‍लान करना चाहते हैं जिससे उन्‍हें करोड़ों और अरबों के वारे-न्‍यारे हो सकें।

हैकर्स की इस साजिश का खुलासा विश्‍व की जानी मानी आईटी कंपनी आईबीएम ने किया है। कंपनी का कहना है कि हैकर्स ने इस वैक्‍सीन तक पहुंचने की कोशिश की है। कंपनी ने ये भी कहा है कि ये कुछ हैकर्स का नहीं बल्कि किसी ये देश की भी साजिश का हिस्‍सा हो सकता है।

आईबीएम की मानें तो हैकर्स ने विश्‍व स्‍वास्‍थ्‍य संगठन की उस मुहीम में तांकझांक की कोशिश है जो सीधेतौर पर इस वैक्‍सीन से जुड़ी है। आपको बता दें कि कंपनी सिंतबर से ही ऐसे हैकर्स को लेकर गंभीर थी जो इस तरह की साजिश रच सकते हैं। तभी से कंपनी की साइबर सिक्‍योरिटी टीम पर इस निगाह रख रही थी। कंपनी के साइबर सिक्‍योरिटी टीम के मुताबिक इस साजिश को रचने वालों ने इसके लिए पूरी तैयारी की थी और फिर कदम आगे बढ़ाए थे। हालांकि कंपनी की जांच में ये सामने नहीं आ सका कि इसके पीछे किनका हाथ था। कंपनी को ये भी अंदेशा है कि जिस तैयारी के साथ हैकर्स ने इसकी कोशिश की थी उसमें वो अकेले नहीं रहे होंगे बल्कि उसमें सरकारी तंत्र शामिल रहा होगा।

आईबीएम की रिपोर्ट में इस कोशिश को असाधारण बताया गया है। इसमें कहा गया है कि हैकर्स की तरफ से चीन की एक कंपनी के अधिकारी की तरफ से इस वैक्‍सीन का सामान बनाने वाली एक अन्‍य कंपनी को मेल किया था। इसमें कहा गया था कि उनकी कंपनी वैक्‍सीन को सुरक्षित पहुंचाने या उसको ट्रांसपोर्ट करने में एक्‍सपर्ट है। इसमें उन्‍होंने उस तकनीक के बारे में भी बताया था जिनसे वो वैक्‍सीन को सुरक्षित रखने की बात कर रहे थे। कंपनी का ये भी कहना है कि जिस किसी ने भी इस काम को अंजाम दिया है वो इसकी प्रक्रिया से भी पूरी तरह से वाकिफ है।

हैकर्स ने इस तरह के ईमेल दस कंपनियों को किए थे। इनमें से एक का ही नाम आईबीएम की तरफ से सार्वजनिक किया गया है जो यूरोपीय कमीशन के टैक्स और कस्‍टम से जुड़ा हैडक्‍वार्टर है, जो पूरे ईयू में सीमा शुल्क की निगरानी करता है। ये आफिस इसलिए खास है क्‍योंकि इसी ने यूरोपीय संघ के देशो में वैक्‍सीन के आयात के नियम तय किए हैं। हैकर्स ने जिन देशों को निशाने पर लिया है उनमें अधिक विकसित देश हैं।

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