तेज प्रताप यादव ने जिन तीन लोगों को अपनी जिंदगी का खलनायक बताया, उनमें खुद उनके मामा के लड़के ओम प्रकाश यादव और नागमणि हैं जबकि तीसरे शख्स हैं पत्नी ऐश्वर्या के रिश्तेदार विपिन। दोनों लंबे समय से लालू-राबड़ी परिवार के साथ रहे हैं। जब लालू प्रसाद यादव सत्ता से बाहर थे, तब भी दोनों भाई इनके साथ रहते थे। नागमणि राबड़ी देवी का कामकाज देखते थे। जब 2015 में महागठबंधन की सरकार बनी तब ओमप्रकाश यादव तेजप्रताप के पर्सनल असिस्टेंट बन गए। पहले तेज प्रताप यादव को अपनी शादी के पीछे बड़ी सियासी साजिश लगी। अब वे इस साजिश के तीन खलनायक किरदारों को सामने ला रहे हैं।
उन्होंने खुलकर तीन नाम लिए हैं, जिन्हें वे इस शादी-साजिश और तलाक का मुख्य कारण बता रहे हैं। मालूम हो कि पिछले दिनों लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने महज 7 महीने पुरानी शादी को साजिश और दबाव बताते हुए तलाक की अर्जी कोर्ट में दाखिल कर दी थी।
शादी इसी साल 12 मई को पटना में हुई थी। शादी राजनीतिक परिवार में हुई थी। यह रिश्ता बिहार के पहले यादव सीएम दरोगा प्रसाद राय की पोती के साथ हुआ था। लड़की के पिता चंद्रिका राय भी बिहार सरकार में मंत्री रह चुके हैं।
ओमप्रकाश का रसूख तब इतना बढ़ गया कि वह उनके मंत्रालय से संबंधित सारे फैसले तक लेते थे। लालू के विश्वासी भी बन गए थे और वे सीधे उनसे संपर्क में रहने लगे। उनकी तेजस्वी यादव से भी नजदीकी बढ़ गई। तेज प्रताप यादव का आरोप है कि वे अपना रसूख बढ़ाने के लिए उन्हें इग्नोर करने लगे। परिवार में दोनों भाई की पूछ तेजी से बढ़ने लगी। तेजप्रताप के करीबियों का कहना है कि दोनों का प्रभाव इस परिवार पर उसी तरह बढ़ने लगा जैसा कभी इस परिवार में साधु-सुभाष का हुआ करता था।
दुल्हन को गोद में उठाने से मामा के मन में जाग सकती है काम वासना, खत्म हो प्रथा : दारुल उलूम देवबंद फतवा
वहीं तीसरे किरदार के रूप में एंट्री हुई विपिन की। वह तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या के चचेरे भाई हैं। वह चंद्रिका राय के असिस्टेंट के रूप में भी काम करते थे। सूत्रों के अनुसार आम चुनाव में चंद्रिका राय को आरजेडी से टिकट दिलाने के लिए वह ओमप्रकाश और नागमणि के साथ मिलकर दबाव बना रहे थे। तेजप्रताप का यह भी आरोप है कि तीनों मिलकर उन्हें किनारे करने की कोशिश में थे और ऐश्वर्या को राजनीति में लाना चाहते थे। इसके लिए वे राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव को भी मना रहे थे। विपिन को उन्होंने अपने दोनों ममेरे भाइयों के बीच दुर्योधन तक कह डाला।
सूत्रों के अनुसार तेजप्रताप यादव ने शादी तोड़ने की अपनी जिद में नरमी लाते हुए अपने परिवारवालों के सामने शर्त रखी है कि इन तीनों लोगों को पारिवारिक मुद्दों से अलग किया जाए तो मैं अपने फैसले पर दोबारा विचार कर सकता हूं। उनकी इन मांगों को अपरोक्ष रूप से उनकी बड़ी बहन मीसा भारती भी सपोर्ट कर रही हैं।
ऐसा नहीं है कि लालू परिवार को पहली बार ससुराल के संबंधियों के कारण सियासी नुकसान और चुनौती का सामना करना पड़ा है। नब्बे के दशक में जब लालू सत्ता के सबसे मजबूत दौर में थे, तब पहली बार अपने सालों – प्रभुनाथ यादव, साधु यादव और सुभाष यादव के कारण कमजोर साबित हुए। तब आरोप लगे कि तीनों सरकार के काम में बहुत दखल देते हैं और मनमाने तरीके से काम करते हैं। सीएम की ताकत का इस्तेमाल कर इन पर दबाव में कई काम करवाने के आरोप भी लगे।