डॉ.सिमोन का कहना है कि इस तरह की रिसर्च में पहली बार ये साबित हुआ है कि पोर्न देखने से दिमाग का एक हिस्सा छोटा होता जाता है और सेक्सुअल उत्तेजनाओं को महसूस करने वाला दिमाग का ये हिस्सा प्रतिक्रियाएं देना कम कर देता है। हालांकि डॉ.सिमोन का ये भी कहना है कि इस रिसर्च से ये साबित नहीं होता कि पोर्न देखने से दिमाग के कुछ हिस्सों में बदलाव होता है। लेकिन जिन लोगों के दिमाग का स्ट्रेटम छोटा होता है उन्हें पोर्न देखने का नुकसान ज्यादा होता है।
बर्लिन की चार्ली यूनीवर्सिटी में इस स्टडी को अंजाम देने के लिए 21 से 45 साल के जवान हेल्दी मर्दों को चुना गया और उनसे उनकी पोर्न देखने की आदतों के बारे में पूछा गया। इस रिसर्च में ये भी देखा गया कि अश्लील तस्वीरें देखने के दौरान मर्दों के दिमाग पर क्या असर पड़ता है। ये रिसर्च जामा साइकैट्री जरनल में प्रकाशित हुई थी। रिसर्च में जो पुरुष ज्यादा पोर्न देखते हैं और जो कभी-कभी पोर्न देखते हैं दोनों की तुलना की गई।
रिसर्च में पाया गया कि जिन पुरुषों का दिमाग का स्ट्रेटम छोटा होता था उन्हें सेक्सुअल उत्तेजना कम हुई।वहीं अन्य रिसर्च ये दावा करती हैं कि पोर्नोग्राफी से कोई नुकसान नहीं होता। साथ ही कोलंबिया यूनिवर्सिटी की डॉ.ग्रेगरी का कहना है कि कोई भी चीज अधिक मात्रा में की जाए तो उसका नुकसान ही होता है।