भारत को अपनी कप्तानी में पहली बार वर्ल्ड चैंपियन बनाने वाले पूर्व क्रिकेटर कपिल देव ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) के अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।
कपिल सीएसी के प्रमुख थे और अब वो इस पद से इस्तीफा दे चुके हैं। कुछ समय पहले सीएसी के एक और मेंबर शांता रंगास्वामी भी अपना पद छोड़ चुकी हैं। अभी तक इस बात का पता नहीं चला है कि कपिल ने इस पद से इस्तीफा क्यों दिया।
कपिल देव ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित प्रशासकों की समिति (सीओए) को ई-मेल करके अपने फैसले की जानकारी दी। कपिल देव को एड-हॉक समिति का प्रमुख इस साल जुलाई में बनाया था। सीएसी पर भारतीय मेंस और विमेंस क्रिकेट टीम के हेड कोच चुनने की जिम्मेदारी थी। कपिल देव की अध्यक्षता वाली सीएसी ने इंटरव्यू लिए थे और मेंस टीम के लिए रवि शास्त्री की दोबारा हेड कोच चुना।
शांता रंगास्वामी ने अपने पद से तब इस्तीफा दिया था जब कपिल देव और अंशुमन गायकवाड़ के साथ उन्हें भी बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने सितंबर में हितों के टकराव का नोटिस भेजा था। मध्य प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन के सदस्य संजीव गुप्ता ने सितंबर में सीएसी के सदस्यों के खिलाफ शिकायत की थी।
शिकायत में गुप्ता ने दावा किया था कि सीएसी के सदस्य कई भूमिकाएं एकसाथ निभा रहे हैं। गुप्ता ने कहा कि कपिल देव इसलिए हितों का टकराव कर रहे हैं क्योंकि वो कमेंटेटर हैं, फ्लडलाइट कंपनी के मालिक हैं और सीएससी के अलावा भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन के सदस्य भी हैं। वहीं शांता रंगास्वामी भी भारतीय क्रिकेटर्स एसोसिएशन और सीएसी समेत अन्य भूमिकाओं को भी निभा रही थीं।
हाल ही में राहुल द्रविड़ के खिलाफ भी संजीव गुप्ता ने हितों के टकराव मामले में शिकायत दर्ज की थी। बीसीसीआई के एथिक्स ऑफिसर डीके जैन ने द्रविड़ को पूछताछ के लिए बुलाया था। गुप्ता ने कहा था कि द्रविड़ ने हितों का टकराव किया है क्योंकि वह नेशनल क्रिकेट एकेडमी में प्रमुख हैं। इसके अलावा वह इंडिया सीमेंट्स के उपाध्यक्ष हैं, जो चेन्नई सुपरकिंग्स की मालिक है।