हम सभी चप्पल पहनते हैं इसमें कोई बड़ी बात नहीं है। वैसे चप्पल में हवाई चप्पल तो आप सभी ने पहनी ही होगी और आप सभी जानते ही होंगे ये चप्पलें आज नहीं, बल्कि दशकों पहले से हमारी ज़िंदगी का एक अहम हिस्सा रही हैं। हम इन्हे काफी समय से पहनते आ रहे हैं। वैसे समय बदलने के साथ ही यह काफ़ी स्टाइलिश हो चुकी हैं, लेकिन आज भी यह हवाई चप्पलें हमें अच्छी लगती है। आज हम आपको बताने जा रहे हैं इसका इतिहास। जी दरअसल हवाई चप्पल की स्ट्रिप्स अंग्रेज़ी के अक्षर V या Y आकार की होती हैं, जो कि हवाई जहाज़ के आकर से मिलती जुलती हैं।

ऐसे में यह सवाल सामने आता है कि ‘हवाई चप्पल’ कहां से आई? यह बनती कैसे हैं? और ‘हवाई चप्पल’ में ‘हवाई’ शब्द का क्या मतलब है? अगर इतिहासकारों की माने तो ‘हवाई चप्पल’ को ये नाम अमेरिका के ‘हवाई आईलैंड’ की वजह से मिला है। जी दरअसल, अमेरिका में ‘हवाई आईलैंड’ में ‘टी’ नाम का एक पेड़ होता है और इसी पेड़ से जो रबर नुमा फ़ैब्रिक बनता उसी से चप्पलें बनाई जाती हैं। कहते हैं इसी वजह से इन्हें ‘हवाई चप्पल’ कहा जाता है। वैसे कई लोग यह भी तर्क देते हैं कि ये हवा जितनी हल्कि होती हैं, इसलिए इन्हें ‘हवाई चप्पल’ कहा जाता है।
आपको हम यह भी बता दें कि ऐसा भी कहते हैं साल 1880 में खेत और कारख़ानों में काम करने के लिए जापान के ग्रामीण इलाक़ों से मज़दूरों को अमेरिका के ‘हवाई आईलैंड’ लाया गया था। उन्हीं के साथ चप्पलों का ये डिज़ाइन भी ‘हवाई’ पहुंचा था और क़रीब 50 साल बाद साल 1932 में कोबलर एल्मर स्कॉट ने हवाई में चप्पल बनाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रबर नुमा फैब्रिक को जापानी डिज़ाइन में ढाला और हवाई चप्पलें अस्तित्व में आईं। इस तरह की कई कहानियां हैं जो हवाई चप्पल से जुडी है।
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