फार्मा कंपनी जानसन एंड जानसन ने अपनी सिंगल डोज वैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए भारतीय दवा नियामक से मंजूरी मांगी है। साथ ही कंपनी ने आयात लाइसेंस का भी अनुरोध किया है। सूत्रों ने बताया कि कंपनी ने आवेदन पर जल्द फैसले के लिए सेंट्रल ड्रग स्टैंडर्ड कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन की ओर से बनाई गई सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी की बैठक की मांग की है। केंद्र सरकार ने पिछले हफ्ते सभी विदेशी कोरोना वैक्सीन की आपात मंजूरी को गति देने का फैसला किया है। 
इसमें विश्व स्वास्थ्य संगठन या अमेरिका, यूरोप, ब्रिटेन या जापान के नियामकों द्वारा मंजूरी प्राप्त टीके शामिल होंगे। सूत्रों के अनुसार, जानसन एंड जानसन ने 12 अप्रैल को सुगम ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से ग्लोबल क्लीनिकल ट्रायल डिवीजन में आवेदन कर दिया था, जबकि वैक्सीन एवं अन्य बायोलॉजिकल्स के मामले बायोलॉजिकल डिवीजन में जाते हैं। सोमवार को कंपनी ने फिर आवेदन किया है। जानसन एंड जानसन की वैक्सीन को दो से आठ डिग्री तापमान पर तीन महीने तक स्टोर किया जा सकता है। इसकी एक डोज ही कोरोना से बचाने में कारगर पाई गई है।
ज्ञात हो कि विदेशी वैक्सीन को इस्तेमाल के पहले ब्रीज ट्रायल की शर्त से भी छूट दे दी गई है। अब अमेरिका की मॉडर्ना, फाइजर और जानसन एंड जानसन जैसी कंपनियां विदेश में विकसित वैक्सीन का भारत में निर्यात कर सकेंगी। पिछले दिनों राष्ट्रीय विशेषज्ञ समूह के अध्यक्ष डॉ वीके पाल ने कहा था कि ब्रीज ट्रायल में छूट सिर्फ कोरोना संक्रमण के मौजूदा हालात को देखते हुए दी गई है। इसके बाद भी वैक्सीन के प्रभाव और गुणवत्ता सुनिश्चित करने में कोई कमी नहीं होगी।
इमरजेंसी इस्तेमाल के साथ करना होगा ब्रीज ट्रायल
विदेशी कंपनियों को अपनी वैक्सीन के इमरजेंसी इस्तेमाल के साथ-साथ भारत में ब्रीज ट्रायल भी शुरू करना पड़ेगा और बाद में ब्रीज ट्रायल के डाटा के आधार भारतीय दवा महानियंत्रक (डीसीजीए) भारत में औपचारिक रूप से उसके इमरजेंसी इस्तेमाल की इजाजत दे सकता है। स्वास्थ्य मंत्रालय एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भारत में इस्तेमाल की इजाजत मिलने के बाद विदेशी कंपनियां भारतीय कंपनियों के साथ समझौता कर भारत में उसका उत्पादन भी शुरू कर सकती हैं। इससे वैक्सीन की सप्लाई कई गुना बढ़ जाएगी।
Live Halchal Latest News, Updated News, Hindi News Portal