देश के सबसे अहम मामले यानी अयोध्या मसले पर शनिवार को फैसला सुनाने वाली सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय पीठ का हिस्सा रहे जस्टिस एसए बोबडे अपने काम के कारण कभी तनाव में नहीं आते। देश के अगले चीफ जस्टिस बनने जा रहे जस्टिस बोबडे का कहना है कि वह सीट से उठते ही किसी भी मसले से जुड़े तनाव को भुला देते हैं।
महज 10 दिन पहले चीफ जस्टिस रंजन गोगोई की जगह सुप्रीम कोर्ट का 47वां चीफ जस्टिस बनने की मंजूरी पाने वाले जस्टिस बोबडे से दरअसल अयोध्या जैसे तनावपूर्ण मसलों की सुनवाई के चलते जजों पर आने वाले दबाव के बारे में पूछा गया था।
63 वर्षीय जस्टिस बोबडे ने कहा, उन्हें तनावमुक्त होने के लिए ज्यादा कुछ नहीं करना पड़ता। जस्टिस बोबडे ने कहा, मैं जैसे ही सीट से उठता हूं, तो सबकुछ (तनाव) भूल जाता हूं। बस भुला देता हूं।
बता दें कि महाराष्ट्र के एक नामी वकील परिवार से संबंध रखने वाले जस्टिस बोबडे अयोध्या मसले के अलावा जस्टिस गोगोई पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच समिति, निजता का अधिकार को सांविधानिक दर्जा देने वाली शीर्ष अदालत की नौ सदस्यीय पीठ, आधार की अनिवार्यता खत्म करने वाली पीठ और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड में नई चयनित कार्यकारिणी को एडमिनिस्ट्रेटिव कमेटी (सीओए) से अधिकार वापस दिलाने आदि जैसे बड़े मसलों पर दिए गए फैसलों का हिस्सा रह चुके हैं।