
इसलिए बुलाई गई हड़ताल
बैंक मर्जर के विरोध में यह हड़ताल बुलाई गई है। हाल ही में केंद्र सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों को मिला कर चार बनाने के फैसले पर अंतिम मुहर लगा दी थी। यह फैसला हर हाल में आगामी एक अप्रैल से प्रभावी होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
मालूम हो कि इससे पहले 11 मार्च को भी यूनियनों ने तीन दिवसीय देशव्यापी हड़ताल की घोषणा की थी। लेकिन बाद में बैंक कर्मचारियों ने इस हड़ताल को टाल दिया। संगठन ने कहा कि मुंबई में भारतीय बैंक संगठन (आईबीए) के साथ हुई बैठक में सकारात्मक प्रगति होने के कारण हड़ताल टालने का फैसला लिया गया। बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारियों के संगठनों के समूह यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियंस ने इस हड़ताल का आह्वान किया था।
अगस्त 2019 में की थी विलय की घोषणा
बता दें कि सरकार ने पिछले साल अगस्त में सार्वजनिक क्षेत्र के 10 बैंकों का चार बैंकों में विलय करने का निर्णय किया था। यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया और ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स का विलय पंजाब नेशनल बैंक में होना है। इस विलय के बाद पीएनबी इस साल एक अप्रैल से भारत का दूसरा सबसे बड़ा बैंक बन जाएगा। इसके अलावा सिंडिकेट बैंक का केनरा बैंक और इलाहबाद बैंक का इंडियन बैंक के साथ विलय होना है। इसी प्रकार आंध्रा बैंक तथा कॉरपोरेशन बैंक का यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के साथ विलय होगा
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