कांग्रेस में राजनीतिक नियुक्तियों पर सबकी निगाहें टिकी हुई है. लेकिन कभी कोरोना की वजह से तो कभी चुनावों के कारण इनका इंतजार लगातार लंबा होता जा रहा है. राजनीतिक नियुक्तियों का बेसब्री से इंतजार कर रहे नेताओं के लिये पूर्व पीसीसी चीफ सचिन पायलट का बयान काफी राहत पहुंचाने वाला है.

पायलट ने मकर संक्रांति के मौके पर मीडिया से बात करते हुये कहा कि जनवरी में राजनीतिक नियुक्तियां करने का फैसला किया गया था. उम्मीद है वह पूरा हो जाएगा.
पायलट ने कार्यकर्ताओं की पीठ थपथपाते हुये कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हम केवल 21 विधायक रह गए थे. ऐसे में जो कार्यकर्ता पार्टी को सत्ता में लेकर आए हैं उनको अब सम्मानित करने का समय है. पायलट ने प्रदेश कांग्रेस की छोटी टीम पर पूछे गए सवाल पर कहा कि अजय माकन और डोटासरा ने छोटी लेकिन एक संतुलित टीम बनाई है.
राहुल गांधी को फिर से पार्टी का अध्यक्ष बनाने के सवाल पर पायलट ने कहा कि जल्द कांग्रेस के चुनाव होने वाले हैं. हम सब की यही राय है राहुल गांधी नेतृत्व करें. बीजेपी में अंर्तकलह पर पायलट ने कहा कि वे दूसरी पार्टी के विषय पर ज्यादा नहीं बोलेंगे. लेकिन जनता सब देख रही है.
उल्लेखनीय है कि गत वर्ष हुये सियासी घमासान के बाद कांग्रेस साफ तौर पर सीएम अशोक गहलोत और पायलट गुट में बंट गई थी. इस सियासी घमासान के करीब 9 माह बाद बनी प्रदेश कार्यकारिणी में पायलट अपने समर्थकों को अच्छे पद दिलवाने में सफल रहे हैं. वहीं अब राजनीतिक नियुक्तियों पर भी लोगों की नजरें टिकी हुई हैं.
राजनीतिक नियुक्तियों में गहलोत और पायलट गुट में से किसको ज्यादा तवज्जो मिलेगी यह देखने वाली बात होगी. माना जा रहा है कि जिस तरह से प्रदेश संगठन में दोनों गुटों का संतुलन बिठाया गया है उसी तरह से राजनीतिक नियुक्तियों में भी सामजंस्य बिठाने की कवायद में ही इसमें देरी हो रही है.
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