ब्लॉक डेवलपमेंट काउंसिल (BDC) चुनाव से पहले जम्मू के कई वरिष्ठ नेताओं को रिहा कर दिया गया है। इन नेताओं में नेशनल कॉन्फ्रेंस, कांग्रेस और J&K पैंथर्स पार्टी (J&KPP) के नेता शामिल हैं।
जम्मू कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक के सलाहकार फारूक खान ने कहा है कि स्थिति की समीक्षा के बाद कश्मीर के नेताओं को भी रिहा कर दिया जाएगा।
फारूक खान ने कहा कि सुरक्षा एजेंसियां निरंतर आतंकी मॉड्यूल्स पर शिकंजा कस रही हैं। पाकिस्तान की ओर से सीजफायर उल्लंघन की वारदातों पर उन्होंने कहा कि सेना उन्हें करारा जवाब दे रही है।
अधिकारियों के अनुसार, नेशनल कॉन्फ्रेंस के दविंदर सिंह राणा, सुरजीत सिंह सलाथिया, जावेद राणा और सज्जाद अहमद किटकलू को रिहा कर दिया गया है। कांग्रेस के रमन भल्ला, वकार रसूल और J&KPP के हर्ष देव सिंह को भी रिहा कर दिया गया है। इन सभी को 5 अगस्त को CRPC की धारा 107 के तहत नज़रबंद रखा गया था।
5 अगस्त को ही, मोदी सरकार ने जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाली संविधान की धारा 370 को समाप्त कर दिया था। इसके बाद से ही जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को भी नज़रबंद कर दिया गया था, जो अब भी हाउस अरेस्ट में हैं।