मैन्यूफैक्चरिंग व अन्य प्रकार के कारोबार को आसान बनाने के लिए सरकार जल्द ही जन विश्वास बिल 2.0 को संसद में पेश कर सकती है। उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) के मुताबिक जन विश्वास बिल के तहत 100 से अधिक प्रविधानों को समाप्त किया जाएगा।
जनविश्वास बिल के तहत 183 प्रविधानों को समाप्त
11 से अधिक मंत्रालयों के साथ मिलकर जन विश्वास बिल 2.0 तैयार किया जा रहा है। इन सभी मंत्रालयों से जुड़े कई नियमों को समाप्त किया जाएगा। इनमें मोटर वाहन कानून के प्रविधान भी शामिल है। इससे पहले के जनविश्वास बिल के तहत 183 प्रविधानों को समाप्त किया गया।
औद्योगिक यूनिट में बदलेगा निरीक्षण का तरीका
मैन्यूफैक्चरिंग के प्रोत्साहन के लिए सरकार औद्योगिक यूनिट के निरीक्षण का तरीका भी बदलने जा रही है। गत एक फरवरी को पेश बजट में औद्योगिक सहूलियत को बढ़ाने की घोषणा की गई है। डीपीआईआईटी के सचिव अमरदीप सिंह भाटिया ने बताया कि राज्यों के साथ मिलकर औद्योगिक निरीक्षण के तरीके में सुधार किया जाएगा।
एक निश्चित समय में निरीक्षण करना होगा और ऑनलाइन पोर्टल पर बताना होगा कि यूनिट में क्या कमी है। इस प्रकार के कई बदलाव आ सकते हैं। उन्होंने बताया कि जन विश्वास बिल के माध्यम से प्रविधानों को कम करने और अन्य नियामक के बोझ को हल्का करने का मुख्य मकसद मैन्यूफैक्चरिंग की लागत को कम करना है।
मैन्यूफैक्चरिंग मिशन लांच करने की घोषणा
बजट में मैन्यूफैक्चरिंग मिशन लांच करने की घोषणा की गई है। मिशन के लिए 100 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। मिशन भी कारोबारी सहूलियत बढ़ाने, उद्योग के लिए तकनीकी व कुशल श्रमिक उपलब्ध कराने एवं गुणवत्ता वाले उत्पाद तैयार करने के लिए फ्रेमवर्क तैयार करेगा।
हालांकि अभी यह तय नहीं है इस मिशन का प्रमुख कौन होगा। मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ाने का प्रयास मेक इन इंडिया से लेकर प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव जैसी स्कीम से किया जा रहा है। हालांकि अब भी देश के जीडीपी में न की हिस्सेदारी 15 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकी है।
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