इस पूर्णिमा को त्रिपुरारी पूर्णिमा नाम से भी जाना जाता है। इसी दिन भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार धारण किया था। कार्तिक पूर्णिमा पर ही देवी तुलसी ने पृथ्वी पर जन्म ग्रहण किया। इस पूर्णिमा को महाकार्तिकी भी कहा गया है। कार्तिक माह में कई त्योहार मनाए जाते हैं। इन त्योहारों में कार्तिक पूर्णिमा का भी काफी महत्व है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव ने त्रिपुरासुर नामक राक्षस का अंत किया और त्रिपुरारी के रूप में पूजित हुए।
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सिख संप्रदाय में कार्तिक पूर्णिमा का दिन प्रकाशोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन गुरु नानकदेव का जन्म हुआ। इसे गुरु पर्व भी कहा जाता है। कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान का विशेष महत्व है। मान्यता है कि इस दिन गंगा स्नान करने से पूरे वर्ष स्नान करने का फल प्राप्त होता है। इस दिन दान का भी बहुत महत्व है। दान करते समय हाथ में जल होना चाहिए। कार्तिक पूर्णिमा पर चंद्रमा से निकलने वाली किरणें काफी सकारात्मक होती हैं। इस दिन नमक का सेवन न करें। शाम को चंद्रमा को अर्घ्य प्रदान करें।