छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग 2020 की प्रारंभिक परीक्षा आज दो पालियों में हुई। इसमें महासमुंद जिला जेल में गंभीर अपराधों में विचाराधीन कैद चार बंदियों का किस्मत आजमाना चर्चा का विषय बन गया है। जेल प्रबंधन की मदद और न्यायालय की अनुमति से युवा परीक्षा में शामिल हुए हैं। अब देखने वाली बात यह है कि यदि वे परीक्षा में सफल हो जाते हैं और न्यायालय में दोषसिद्ध पाए जाने पर उन्हें सेवा का का अवसर मिल पाएगा? बहरहाल जिला जेल में कैद रहते हुए परीक्षा की तैयारी और कड़ी सुरक्षा के बीच पीएससी की प्रारंभिक परीक्षा देने से सुर्खियों में हैं।
आमतौर पर लोग यही सोचते हैं कि पुलिस या कानूनी पचड़े में उलझने के साथ ही कैरियर खत्म हो जाती है। और इंसान आगे कुछ करने लायक नहीं रह जाता है। इंसान की यही सोच उसे डिप्रेशन का शिकार बना देती है और उसे लगता है कि उसकी जिंदगी में अब और कुछ भी नहीं बचा है। इसके विपरित सकरात्मक सोच से ओतप्रोत महासमुंद जिला जेल में कैद चार युवाओं ने वह कर दिखाया है, जो निराश लोगों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है।
छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की प्रारंभिक परीक्षा 9 फरवरी 2020 को दो पालियों में हुई। इसमें छत्तीसगढ़ के जिला जेल महासमुंद में कैद चार बंदियों ने भाग लिया। एक-एक बंदी के पीछे दो-दो जवानों की तैनाती के बीच ये परीक्षा देने जिला मुख्यालय महासमुंद पहुंचे थे।
इन पर है इस तरह का गंभीर आरोप
प्रशासनिक अफसर बनने का सपना संजोये जिन युवकों ने प्रारंभिक परीक्षा दी, उनमें गौरीशांकर पिता सुरीतराम किशनुपर थाना पिथौरा पर हत्या का आरोप भादवि की धारा 302 के तहत विचाराधीन है। इसी प्रकार खेमराज पिता भोलाराम ग्राम सम्हर थाना बागबाहरा पर धोखाधड़ी करने का आरोप भादवि की धार 420 के तहत है।
लेकेश्वर पिता मानसिंग टेडीनारा थाना बागबाहरा पर अनाचार का गंभीर आरोप भादवि की धारा 376 के तहत है। वहीं चमन पिता बिसहत अमोदी थाना आरंग पर भी हत्या का आरोप भादवि की धारा 302 के तहत है। गंभीर आरोपों से प्रकरण न्यायालय में विचाराधीन होने के बावजूद बुलंद होसले के साथ इन युवाओं ने प्रारंभिक परीक्षा दी है।
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