छत्तीसगढ़ के इतिहास में सबसे बड़े रेस्क्यू आपरेशन में शामिल बचाव दल का मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सम्मान किया। सम्मान समारोह का आयोजन गुरुवार 16 जून को मुख्यमंत्री निवास में आयोजित हुआ।
इस मौके पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, देश का यह सबसे बड़ा बचाव अभियान था। चुनौती बहुत बड़ी थी, लेकिन हिम्मत और जोश की कोई कमी नहीं थी। सभी ने पूरी ताकत, जोश और होश के साथ काम किया। जहां- जहां जिसकी जरूरत पड़ी लोग और मशीनें उपलब्ध होती गई। चट्टान भी रास्ते में आया तो उसे भी काटने की व्यवस्था कर ली गई। लोगों की दुआएं भी साथ थी।
उन्होंने राहुल को बोरवोल से बाहर निकालने वाले अंजारूल की बहादुरी का जिक्र किया। पूर्व मासूम राहुल के सफलतापूर्वक रेस्क्यू पर मुख्यमंत्री ने बचाव दल में शामिल सभी विभागों के अधिकारियों व कर्मचारियों को बधाई व शुभकामनाएं दी हैं।
समारोह में जांजगीर कलेक्टर जितेंद्र शुक्ला, बिलासपुर आइजी रतनलाल डांगी और एसपी विजय अग्रवाल ने बचाव अभियान की विस्तार से जानकारी दी। इस दौरान रेस्क्यू अभियान में शामिल सभी जांबाजों ने अपने अपने अनुभव साझा किए।
एसईसीएल के श्रीकांत राव ने बताया कि वहां कड़े चट्टान थे, जो हमारे के लिए चुनौती थी, लेकिन उससे राहुल को सुरक्षा भी मिल रहा था। एनडीआरएफ के डी अनिल ने बताया कि बोरेवेल के अंदर राहुल की निगरानी करने की जिम्मेदारी मिली थी। मैं राहुल से पूरे समय बात करता रहा।
जांजगीर-चाम्पा जिले के पिहरीद में 11 वर्षीय राहुल साहू बीते 10 जून की दोपहर करीब 2 बजे खेलते वक्त घर के नजदीक ही खुले बोरवेल के गड्ढे में गिर गया था। इसकी सूचना मिलने के बाद मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देश पर जिला प्रशासन ने तत्काल राहुल के रेस्क्यू के प्रयास शुरू कर दिए थे। बोरवेल में 60 फीट की गहराई में फंसे राहुल के रेस्क्यू के लिए भौगोलिक कठिनाइयों को ध्यान में रखते हुए तकनीकी विशेषज्ञों की मदद ली गई।
इस कार्य में जिला प्रशासन के साथ पुलिस प्रशासन, एसडीआरएफ, एनडीआरएफ, सेना, होमगार्ड्स सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी-कर्मचारी शामिल रहे। शुरुआत से लेकर रेस्क्यू पूरा होने तक तकरीबन 104 घंटे इन सभी विभागों के अधिकारी-कर्मचारी घटनास्थल पर अनवरत डटे रहे और अपनी जिम्मेदारी बखूबी निभाते रहे। एक मासूम की जिंदगी को बचाने में पूरे समर्पण से जुटे अधिकारी-कर्मचारियों के सम्मान में समारोह का आयोजन किया जा रहा है।