दिल्ली में 17 छात्राओं से छेड़छाड़ के आरोपी बाबा चैतन्यानंद सरस्वती को दिल्ली पुलिस ने आगरा से गिरफ्तार किया है। बाबा के काले कारनामे अब सामने आने लगा हैं, जो हैरान कर देने वाले हैं। बाबा ने लोगों को गुमराह करने के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर के फर्जी आई-कार्ड और विजिटिंग कार्ड बनवा रखे थे। बाबा रुतबा दिखाने के लिए प्रधानमंत्री दफ्तर के नाम का फर्जी इस्तेमाल करता था। वह अपने लोगों से लोगों को फोन करवाता था कि बाबा प्रधानमंत्री दफ्तर जुड़े हैं।
लोगों को इस तरह से गुमराह करता था बाबा, फर्जी कार्ड मिले
दिल्ली पुलिस ने बाबा चैतन्यानंद के फर्जीवाड़े का खुलास किया है। स्वामी चैतन्यानंद के पास से दो विजिटिंग कार्ड बरामद किए हैं। पहले कार्ड में बाबा खुद को संयुक्त राष्ट्र का स्थायी राजदूत बताता है। दूसरा विजिटंग कार्ड ब्रिक्स का है, जिसमें चैतन्यनंद ने खुद को कमीशन का मेम्बर और इंडियन स्पेशल एनवोय (राजदूत) बताया है। इन फर्जी कार्ड का इस्तेमाल बाबा अपना रुतबा दिखाने और लोगों को गुमराह करने के लिए करता था।
मथुरा, वृंदावन और आगरा में घूम रहा था चैतन्यानंद
डीसीपी दक्षिण-पश्चिम, अमित गोयल ने कहा, ‘हमने एक टीम बनाई थी और पिछले तीन दिनों से हम पार्थ सारथी उर्फ चैत्यानंद सरस्वती की तलाश में विभिन्न राज्यों- हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और यहां तक कि पश्चिम बंगाल में भी तलाशी ले रहे थे। हमें कल रात सफलता मिली, हम उसे आगरा में पकड़ने में सफल रहे। उसकी पहचान की गई, उसे गिरफ्तार किया गया और दिल्ली लाया गया। आगे की जांच जारी रहेगी। हमने तीन फोन और एक आईपैड बरामद किया है, जिसकी जांच की जाएगी। फर्जी विजिटिंग कार्ड भी बरामद किए गए हैं, जिसमें उसे ब्रिक्स और संयुक्त राष्ट्र का प्रतिनिधित्व करने वाला भारत सरकार का अधिकारी बताया गया है। गिरफ्तारी से बचने के लिए वह हर दिन अपना ठिकाना बदल रहा था। वह मुख्य रूप से मथुरा, वृंदावन और आगरा में घूम रहा था। उसे छेड़छाड़ के मामले में गिरफ्तार किया गया है और हम आज उसकी पुलिस रिमांड मांगेंगे।’
छात्राओं ने छेड़छाड़ और अश्लील हरकत के आरोप, आगरा में मिला बाबा
दिल्ली में वसंत कुंज स्थित श्री शारदा इंस्टीट्यूट ऑफ इंडियन मैनेजमेंट रिसर्च के मैनेजर चैतन्यानंद सरस्वती उर्फ पार्थसारथी पर पीजी डिप्लोमा कर रहीं छात्राओं ने छेड़छाड़ और अश्लील हरकत के आरोप लगाए। छात्राओं की शिकायत पर संस्थान प्रबंधन ने थाने में शिकायत दी, जिस पर पुलिस ने मामला दर्ज किया। आरोपी बाबा फरार हो गया। हालांकि, उसकी लोकेशन बुधवार को आगरा में मिली थी। आरोपी के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी किया गया था। दिल्ली पुलिस शनिवार रात तीन बजे ताजगंज क्षेत्र में फतेहाबाद रोड स्थित होटल फर्स्ट में पहुंची।
होटल के कर्मचारी भरत ने बताया कि सादा कपड़ों में दिल्ली क्राइम ब्रांच के दो अधिकारी होटल में आए थे। उन्होंने रजिस्टर चेक किया। रजिस्टर की एंट्री देखने के बाद वे होटल के कमरा नंबर 101 में रुके स्वामी पार्थ सारथी के पास पहुंचे। कमरे में करीब 15 मिनट तक रुककर उन्होंने पूछताछ की। इसके बाद वह स्वामी पार्थ सारथी को अपने साथ ले गए। स्वामी पार्थ सारथी के नाम से होटल के रजिस्टर में एंट्री थी। वह शनिवार शाम चार बजे होटल में पहुंचा था।
तीन खरब से अधिक की संपत्ति कब्जाना चाहता था चैतन्यानंद
चैतन्यानंद उर्फ पार्थसारथी को लेकर रोज नए-नए खुलासे हो रहे हैं। बताते हैं कि पाखंडी मठ की तीन खरब से अधिक की संपत्ति पर कब्जा करना चाहता था। इसके लिए उसने पीठ के विश्वास को तोड़ा, ताकि वह इस संपत्ति पर कब्जा कर सके। पीठ ने आरोपी स्वामी चैतन्यानंद के खिलाफ वसंतकुंज (नार्थ) थाने में धोखाधड़ी, जालसाजी व फर्जी कागजात बनवाने आदि की प्राथमिकी दर्ज करवाई है। प्राथमिकी में आरोप लगाया गया है कि आश्रम में कुछ इमारतें कई कंपनियों को किराये पर दे रखी थी।
दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि इन इमारतों से प्रतिमाह करीब 60 लाख रुपये किराये आता था। आरोपी इस किराये को पीठ को नहीं दे रहा था। पीठ के वसंतकुंज स्थित आश्रम के प्रशासक पीए मुरली की ओर से थाने में ये शिकायत दर्ज कराई गई है। दक्षिण-पश्चिमी जिले के पुलिस उपायुक्त अमित गोयल ने इस मामले की जांच जिला जांच यूनिट (डीआईयू) को सौंपी है।
ये प्राथमिकी 23 जुलाई, 25 को दर्ज हुई थी। यानी छेड़छाड़ की प्राथमिकी दर्ज होने से पहले ये प्राथमिकी दर्ज हुई थी। आरोपी स्वामी के खिलाफ दूसरी प्राथमिकी छात्राओं के साथ छेड़छाड़ और तीसरे महंगी गाडिय़ों पर नंबर लगाने को दर्ज की गई है।