इनके पास 50 लाख के पैकेज में वीडियो, नुक्कड़ सभा और बूथ एजेंटों को तैनात करने समेत अन्य कामों का ऑफर है।
चुनावी हलचल के बीच पब्लिक रिलेशन (पीआर) एजेंसियां सक्रिय हैं। इनके पास 50 लाख के पैकेज में वीडियो, नुक्कड़ सभा और बूथ एजेंटों को तैनात करने समेत अन्य कामों का ऑफर है। यही नहीं, प्रतिद्वंदी पार्टी को करारा जवाब देने, सोशल मीडिया पर वीडियो वार चलाने, सर्वे और प्रत्याशी की छवि लोगों में बनाने, ऑडियो स्पीच और स्लोगन तैयार करने समेत अन्य काम के अलग-अलग रेट पैकेज में शामिल हैं। जिम्मेदारी संभालने वाली टीमों में आईआईटी और आईआईएम जैसे संस्थानों से पासआउट युवा भी हैं।
मतदाताओं तक पहुंचने के लिए राजनीतिक दल जमीन से लेकर सोशल मीडिया में चर्चाएं बटोरने के प्रयास में हैं। इसके लिए भाजपा, आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस तीनों के वाररुम में भी कई युवा 24 घंटे जुटे रहते हैं। पीआर एजेंसियों के अनुसार, अगर कोई नेता पैकेज में मौजूद कुछ ही सुविधाएं लेना चाहता है तो उसकी कीमत भी वही है, जो पैकेज में शामिल है।
पीआर एजेंसी चलाने वाले विवेक कुमार ने बताया कि आमतौर पर चुनाव के पैकेज करीब 60 से 70 दिन के लिए होते हैं, लेकिन अब रुझान भी बदला है। उम्मीदवारों का नाम देर से तय होने के कारण निचले स्तर पर नेताओं से डील कम हो पाती है। जबकि पार्टी स्तर पर काफी फायदा होता है। उन्होंने बताया कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव 2020 की तुलना अगर वर्तमान चुनाव से करें तो, पीआर एजेंसियों के पैकेज करीब 25 फीसदी महंगे हुए हैं।
सोशल मीडिया पर पकड़ और बूथ एजेंट के एजेंडा पर खेल रही एजेंसियां
एक कंपनी के एक्जीक्यूटिव ने बताया कि नेता या उम्मीदवारों को पैकेज में कई सुविधाएं मिलेगा। इसमें 18 लाख सोशल मीडिया, चार लाख रचनात्मक विज्ञापन, 8 लाख सर्वे व प्रत्याशी की छवि बनाने, चार हजार रुपये नुक्कड़ सभा के लिए, 8 लाख रुपये में ऑडियो स्पीच स्लोगन और 10 लाख रुपये लाइव फोरम व डिबेट मिलेगा। इस पैकेज में 50 नुक्कड़ सभाओं से बना विशेष ऑफर भी शामिल है। यही नहीं, ऑफर पैकेज में बूथ एजेंट की सुविधा मिल रही है। मतदान से दो दिन पहले तक टीमें नेता के प्रचार पर पूरा ध्यान रखेंगी। इसके बाद मतदान के दिन बूथ एजेंट को लेकर भी पूरी जिम्मेदारी संभालेंगी।
पैरोडी वीडियो से बनाया जा रहा उम्मीदवारों का मजाक
पीआर एजेंसियां का इस समय सबसे बड़ा हथियार पैरोडी वीडियो है। इसके जरिए वह विपक्षी उम्मीदवारों का मजाक बना रहे हैं। इसके लिए वह बॉलीवुड के प्रचलित फिल्मों के सीन का प्रयोग कर एक-दूसरे पर व्यंग किया जा रहा है। इन पैरोडी वीडियो के जरिए वायु प्रदूषण, जर्जर सड़क, पानी की किल्लत, जहरीली यमुना जैसे दिल्ली के कई अहम मुद्दों की कमियों को उजागर करने का काम किया जा रहा हैं।