चीन ने 30 साल में पहली बार अपनी चली आ रही एक परंपरा को रद्द कर दिया है। भारत के पड़ोसी देश में फिलहाल कुछ बड़े बदलाव देखने को मिल रहे है।
दरअसल, 30 सालों में पहली बार सोमवार को प्रधानमंत्री ली कियांग की ओर से प्रेस कांफ्रेंस को रद्द करने की घोषाण की। बता दें कि चीन के नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के आखिर में प्रेस कांफ्रेंस की परंपरा 30 सालों से चली आ रही है। इसके द्वारा चीन की सरकारी नीतियों का पता दुनिया को चलता है।
कई देश इस फैसले को क्या समझ रहे?
चीन द्वारा लिए गए इस फैसले को कुछ देश के तेजी से आंतरिक फोकस और केंद्रीकृत नियंत्रण के संकेत के रूप में देख रहे है। तीन दशकों तक, चीन द्वारा की गई ब्रीफिंग ने विदेशी निवेशकों और सरकारों को यह जानकारी दी कि चीनी नीति निर्माता अब दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के प्रबंधन की चुनौतियों को कैसे देखते हैं।
2027 तक रद्द की गई ये परंपरा
सोमवार को की गई अचानक इस घोषणा को लेकर एक नेशनल पीपुल्स कांग्रेस के प्रवक्ता लोउ किनजियान ने कहा कि चीन के पीएम कियांग इस साल की वार्षिक संसदीय बैठक के समापन पर मीडिया को कोई भी जानकारी नहीं देंगे। बता दें कि मंगलवार को बीजिंग में इस साल की वार्षिक संसदीय बैठक आयोजित की गई थी। इसके अलावा, विशेष परिस्थितियों को छोड़कर, ली 2027 में समाप्त होने वाले चीन की संसद के शेष कार्यकाल के लिए ऐसी कोई वार्षिक प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं करेंगे।
1993 के बाद से चली आ रही ये परंपरा
1993 के बाद से, चीन के प्रधानमंत्री वार्षिक संसद सभा के बाद मीडिया से मिलते रहे हैं। इसके जरिए पीएम विश्व स्तर पर सीधे प्रसारित समाचार सम्मेलनों में चीनी और विदेशी पत्रकारों के व्यापक प्रश्नों का उत्तर देते हैं।
अलगाव के युग की ओर बढ़ रहा चीन?
1990 और 2000 के दशक के दौरान, चीन ने विदेशी निवेश को आकर्षित करने और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए सक्रिय रूप से अपनी राजनीति और नीतियों को स्पष्ट करने की कोशिश की थी। शंघाई यूनिवर्सिटी ऑफ पॉलिटिकल साइंस एंड लॉ में पढ़ाने वाले स्वतंत्र राजनीतिक टिप्पणीकार चेन डाओयिन ने कहा ‘चीन खुलेपन के युग की ओर बढ़ रहा था। अब यह अलगाव के युग की ओर बढ़ रहा है, जैसा कि रद्द किए गए प्रमुख समाचार सम्मेलन से पता चलता है।।’
क्यों रद्द हुई प्रेस कांफ्रेंस?
प्रधानमंत्री का संवाददाता सम्मेलन रद्द करने का कारण सप्ताह भर चलने वाली संसद बैठक के दौरान सरकारी मंत्रियों द्वारा कूटनीति, अर्थव्यवस्था और लोगों की आजीविका पर अधिक जानकारी देना शामिल है।
बता दें कि प्रधानमंत्री का वार्षिक प्रेस-बैठक सत्र संसदीय बैठक का मुख्य आकर्षण हुआ करता था, क्योंकि राज्य परिषद के प्रमुख और आर्थिक नीति को चलाने के लिए मुख्य व्यक्ति के रूप में, उन्हें अधिक अधिकार और अधिक बड़ी तस्वीर के साथ बोलते हुए देखा जाता था।
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