भारत और चीन के बीच पिछले महीने से जारी विवाद अब और भी गहरा गया है. इसी हफ्ते की शुरुआत में गलवान घाटी में दोनों देशों के सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई और भारत के 20 जवान शहीद हो गए. विदेश मंत्रालय की ओर से चीन को अब सख्त भाषा में जवाब दिया गया है.
गुरुवार को प्रेस वार्ता के दौरान विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा कि हम उम्मीद करते हैं कि चीन अपनी गतिविधियों को अपनी ही सीमा में करें.
विदेश मंत्रालय की ओर से कहा गया कि भारत जिम्मेदारी के साथ कहता है कि वह जो भी गतिविधि कर रहा है, वह अपनी सीमा के अंतर्गत ही कर रहा है. ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि चीन भी अपनी सीमा में ही रहें.
मौजूदा विवाद को लेकर विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन ने खुद ही अपने आप समझौते को बदला और भारतीय सैनिकों पर जो हमला किया गया, वह एक प्लानिंग के तहत किया गया था. अनुराग श्रीवास्तव के मुताबिक, इस हिंसक झड़प में दोनों देश के सैनिकों को जो नुकसान हुआ है उसके लिए चीन ही जिम्मेदार है.
बता दें कि 6 जून को दोनों देशों के सैन्य अधिकारियों के बीच समझौता हुआ था कि दोनों देश की सेनाएं मौजूदा स्थान से पीछे हटेंगी. लेकिन चीन ने इसका उल्लंघन किया और इसी का नतीजा रहा कि 15 जून को ये हिंसक झड़प हुई.
विदेश मंत्रालय ने ये भी कहा है कि हम किसी भी विवाद को बातचीत के जरिए सुलझाना चाहते हैं, ताकि शांति बनी रहे. लेकिन जैसा हमारे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि हम अपने देश की अखंडता और संप्रभुता की रक्षा जरूर करेंगे और उसपर आंच नहीं आने देंगे.
आपको बता दें कि विदेश मंत्रालय के बयान से पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी चीनी विदेश मंत्री से बातचीत में सख्त रुख अख्तियार किया था. उन्होंने गलवान घाटी में हुई हिंसा के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया था और कहा था कि इसका असर दोनों देशों के संबंधों पर पड़ सकता है.
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