सात फरवरी को चमोली में आए सैलाब के रास्ते में जो आया, वो तबाह हो गया. अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत की पुष्टि हो चुकी है, जबकि 170 से ज्यादा लोग अब भी लापता हैं. पांचवें दिन भी तपोवन टनल में फंसे 30 से ज्यादा मजदूरों को बचाने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है. ये आपदा कितनी भयानक थी, इसके कई सबूत और वीडियो सामने आ चुके हैं.
गुरुवार तड़के तपोवन टनल में ड्रिलिंह ऑपरेशन शुरू किया गया. इस ड्रिलिंग के जरिए 12 से 13 मीटर लंबा छेद करने की कोशिश की जा रही है, जिससे पता चल सके कि अंदर कोई मौजूद है या नहीं.
आपदा मे 204 लोग लापता हुए थे, जिसमें से 32 लोगों के शव बरामद हुए है और 10 क्षत विक्षत मानव अंग बरामद हुए हैं. 170 से ज्यादा लोग अभी भी लापता हैं, जिनमें से 30 से 35 मजदूरों के तपोवन पॉवर प्रोजेक्ट के टनल में फंसे होने की आशंका है, जिन्हें बचाने के लिए चार दिन से कोशिशें की जा रही हैं.
चमोली में ग्लेशियर टूटने से आई तबाही के बाद अब पूरा फोकस राहत-बचाव के काम पर है. सबसे बड़ी मुश्किल तपोवन की सुरंग में आ रही है, जहां अब भी कई लोगों के फंसे होने की आशंका है. सुरंग कीचड़ से भरी हुई है, ऐसे में अंदर जाने में काफी मुश्किलें हैं, लेकिन रेस्क्यू करने वाली टीमें युद्ध स्तर पर मिशन में जुटी हैं. रेस्क्यू टीमों में 600 से ज्यादा लोग लगातार मलबा निकालने में जुटे हैं.