चंद्रयान-3 मिशन की ऐतिहासिक सफलता के बाद इसरो अगले चंद्र मिशन की तैयारी में जुट गया है। चंद्रयान-4 को पूर्ववर्ती मिशन की तरह एक ही चरण में लॉन्च नहीं किया जाएगा। इसके बजाय इसे दो अलग-अलग चरणों में लॉन्च किया जाएगा। इसके तहत इसरो का अंतरिक्ष यान न सिर्फ चंद्रमा पर उतरेगा, बल्कि वहां से चट्टान और मिट्टी के नमूने लेकर धरती पर वापस भी आएगा। चंद्रमा पर मानव मिशन भेजने के लिहाज से यह अभियान बेहद महत्वपूर्ण होगा।
चंद्रयान-3 में तीन मुख्य घटक शामिल थे
- लैंडर
- रोवर
- प्रोपल्शन माड्यूल
चंद्रयान-4 मिशन में दो और अतिरिक्त घटक होंगे, जिन्हें चंद्रमा से नमूने जुटाने और उन्हें पृथ्वी पर लाने का काम सौंपा जाएगा। चंद्रयान-4 मिशन के पांचों घटकों को एक साथ लॉन्च नहीं किया जाएगा।
इसरो प्रमुख सोमनाथ ने क्या कुछ कहा?
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने बताया कि भारत का सबसे भारी प्रक्षेपण यान एलवीएम-3 तीन घटकों के साथ लॉन्च होगा, जिसमें प्रोपल्शन माड्यूल, डिसेंडर माड्यूल और एसेंडर माड्यूल शामिल होंगे। इन्हें चंद्रयान-3 मिशन की तरह लांच किया जाएगा। ट्रांसफर माड्यूल और री-एंट्री माड्यूल को ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान (PSLV) पर लॉन्च किया जाएगा।
इसरो ने अभी तक इस बारे में विस्तृत जानकारी नहीं दी है कि कौन सी लॉन्चिंग सबसे पहले होगी। हालांकि, यह पहला ऐसा अभियान होगा, जिसमें एक ही मिशन को पूरा करने के लिए दो प्रक्षेपण यान का उपयोग किया जाएगा।
चंद्रयान-4 के पांच माड्यूल होंगे
- प्रोपल्शन माड्यूल: चंद्रयान-3 की तरह प्रोपल्शन माड्यूल अलग होने से पहले चंद्रमा की कक्षा में चंद्रयान-4 का मार्गदर्शन करेगा।
- डिसेंडर माड्यूल: यह माड्यूल चंद्रयान-3 के विक्रम लैंडर की तरह ही चंद्रमा पर लैंडिंग करेगा।
- एसेंडर माड्यूल: एक बार नमूने एकत्र हो जाने के बाद एसेंडर माड्यूल लैंडर से बाहर निकल जाएगा और पृथ्वी पर लौटना शुरू कर देगा।
- ट्रांसफर माड्यूल: यह एसेंडर माड्यूल को चंद्रमा की कक्षा से बाहर निकालने के लिए जिम्मेदार होगा। चट्टान और मिट्टी के नमूनों के साथ कैप्सूल के अलग होने से पहले यह पृथ्वी की ओर वापस आएगा।
- री-एंट्री माड्यूल: यह कैप्सूल चंद्रमा का चट्टान और मिट्टी के नमूनों के साथ पृथ्वी पर उतरेगा।