मिशन मून पर निकले चंद्रयान-2 ने पृथ्वी की कुछ खूबसूरत तस्वीरें भेजी हैं। यह तस्वीरें चंद्रयान ने अपना तीसरा चरण पूरा करने के बाद भेजी हैं। चंद्रयान लगातार अपनी सफलता की तरफर अग्रसर है। चंद्रयान 2 के चांद की सतह पर सफलतापूर्वक उतरने का इंतजार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत पूरी दुनिया कर रही है।
खुद पीएम मोदी ने इस बात को सार्वजनिक तौर पर कहा है। इसरो के मुताबिक 29 जुलाई 2018 को चंद्रयान-2 ने धरती की तीसरी कक्षा में सफलतापूर्वक प्रवेश किया था। कक्षा में परिवर्तन के लिए चंद्रयान में मौजूद प्रोपेलिंग सिस्टम का 989 सेकेंड तक इस्तेमाल किया गया।
इसरो ने बताया कि यान को 276 गुणा 71792 किलोमीटर की कक्षा में पहुंचा गया है। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का कहना है कि चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर ‘रोवर’ उतारने के इरादे से भेजे गए भारत के दूसरे चंद्र मिशन की सभी गतिविधियां सामान्य हैं। इससे पहले 24 जुलाई को यान ने पहली और 26 जुलाई को दूसरी बार सफलतापूर्वक अपनी कक्षा में बदलाव किया था। जहां तक चंद्रयान-2 से भेजी गई तस्वीरों की बात है अपनी लॉन्चिंग के कुछ मिनट बाद ही इसने धरती की पहली तस्वीर भेज दी थी।
इसरो के मुताबिक चंद्रमा के गुरुत्व क्षेत्र में प्रवेश करने पर चंद्रयान-2 के प्रोपेलिंग सिस्टम का इस्तेमाल अंतरिक्ष यान की गति धीमी करने में किया जाएगा, जिससे यह चंद्रमा की प्रारंभिक कक्षा में प्रवेश कर सके। इसके बाद चंद्रमा की सतह से 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर चंद्रमा के चारों ओर चंद्रयान-2 को पहुंचाया जाएगा।
फिर लैंडर ऑर्बिटर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा के चारों ओर 100 गुणा 30 किमी की कक्षा में प्रवेश करेगा। इसके बाद यह सात सितंबर को चंद्रमा की सतह पर उतरने की प्रक्रिया में जुट जाएगा।
चंद्रमा की सतह पर उतरने के बाद रोवर लैंडर से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर एक चंद्र दिवस (पृथ्वी के 14 दिन के बराबर) की अवधि तक प्रयोग करेगा।
ऑर्बिटर अपने मिशन पर एक वर्ष की अवधि तक रहेगा। चंद्रयान-2 के मिशन का उद्देश्य चांद के उस हिस्से (दक्षिणी) की जांच-पड़ताल करना है जहां अब तक कोई यान नहीं पहुंच सका है। यान चांद में जीवन की संभावनाओं संबंधी कई शोध करेगा।